#MeToo:बुरे फंसे एमजे अकबर,पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ हारे मुकदमा

Update: 2021-02-17 12:14 GMT

नई दिल्ली। बुधवार को दिल्ली की एक अदालत ने पत्रकार प्रिया रमानी को आपराधिक मानहानि केस में बरी कर दिया, जिसे उनके खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने दर्ज कराया था। फैसले में कोर्ट ने महाभारत और रामायण जैसे महाकाव्य का से उदाहरण देते हुए कहा कि ये एक महिला की गरिमा का महत्व बताते हैं। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडे ने कहा, ''यह शर्मनाक है कि इस तरह की घटनाएं भारत में हो रही हैं। रामायण के आरण्य कांड का उदाहरण देते हुए जज ने कहा कि सीता की रक्षा के लिए जटायु पक्षी रावण से लड़ा था। जज ने कहा कि जब लक्ष्मण को सीता के बारे में पूछा कहा गया तो उन्होंने कहा कि चरणों से ऊपर तो उन्होंने कभी देखा नहीं।

भारतीय संस्कार में महिलाओं के प्रति श्रद्धा आवश्यक है। अदालत ने इस धारणा को स्वीकार किया कि अकबर निष्कलंक प्रतिष्ठा वाले व्यक्ति नहीं थे। अदालत ने यह भी कहा कि अधिकांश महिलाएं अपनी गरिमा को बचाने के लिए यौन उत्पीड़न के बारे में बात नहीं करती हैं, क्योंकि उनका भी एक परिवार है और उन्हें आघात से गुजरना पड़ता है। अकबर और रमानी की ओर से बहस पूरी हो जाने के बाद कोर्ट ने 1 फरवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था। रमानी ने 2018 में मी टू मूवमेंट के तहत अकबर पर यौन दुराचार का आरोप लगाया था। पूर्व विदेश राज्य मंत्री ने रमानी के खिलाफ 15 अक्टूबर 2018 को आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। 

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