बैठक फिर बेनतीजा:किसानों को मिल रही है बस तारीख पे तारीख, मरेंगे या जीतेंगे
नई दिल्ली। सरकार के साथ किसानों की 9वें दौर की बातचीत बेनतीजा रही। किसानों ने तल्ख लहजे में सरकार से कहा कि आप हल निकालना नहीं चाहते हैं। अगर ऐसा है तो हमें लिखकर बता दीजिए, हम चले जाएंगे। इस बैठक में किसान तख्ती लगाकर बैठे थे। इस पर लिखा था- मरेंगे या जीतेंगे। किसानों और सरकार के बीच अगली बैठक 15 जनवरी को होगी। किसान नेता बलबीर राजेवाल ने मंत्रियों से कहा, "आप जिद पर अड़े हैं।
आप अपने-अपने सेक्रेटरी, जॉइंट सेक्रेटरी को लगा देंगे। नौकरशाह कोई न कोई लॉजिक देते रहेंगे। हमारे पास भी लिस्ट है। फिर भी आपका फैसला है। क्योंकि आप सरकार हैं। लोगों की बात शायद कम लगती है। जिसके पास ताकत है, उसकी बात ज्यादा होती है। इतने दिनों से बार-बार इतनी चर्चा हो रही है। ऐसा लगता है कि इस बात को निपटाने का आपका मन नहीं है। तो वक्त क्यों बर्बाद करना है। आप साफ-साफ जवाब लिखकर दे दीजिए, हम चले जाएंगे।"
आंदोलन के 44वें दिन सरकार और किसानों के बीच विज्ञान भवन में बातचीत चल रही थी। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश के सामने किसानों ने कृषि कानून रद्द करने की मांग दोहराई, लेकिन कृषि मंत्री ने साफ इनकार कर दिया। कृषि कानूनों को लागू करने का फैसला केंद्र अब राज्य सरकारों पर छोड़ सकता है।