पुणे। कोथरुड इलाके में भाजपा के पूर्व मंत्री गिरिश महाजन सहित 29 लोगों के खिलाफ अपहरण, फिरौती और जाने से मारने की धमकी देने का केस दर्ज किया गया है। जलगांव स्थित मराठा विद्या प्रकाशक सहकारी समाज, संस्था के एक निदेशक के कथित अपहरण का आरोप है। आरोप है कि अपहरण के बाद उनसे जबरन इस्तीफा भी लिया गया। सहायक पुलिस आयुक्त माछिंद्र चव्हाण ने बताया, "विजय पाटिल (52) ने पूर्व मंत्री गिरीश महाजन, तानाजी भोइट, नीलेश भोइट और वीरेंद्र भोले समेत 29 लोगों के खिलाफ कंप्लेंट दी थी। जिसपर जांच के बाद मंगलवार को केस दर्ज किया गया है। यह घटना जनवरी 2018 की है।
शिकायतकर्ता विजय पाटिल ने अपने बयान में कहा है कि वह आरोपियों से डरा हुआ था इसलिए उसने इतने दिनों बाद केस दर्ज करवाया।"सहायक पुलिस आयुक्त माछिंद्र चव्हाण के मुताबिक, जलगांव में मराठा विद्या प्रकाशक सहकारी समाज संस्था के निदेशक के रूप में कार्यरत विजय पाटिल पेशे से वकील हैं। शिकायत के मुताबिक, जनवरी 2018 में दस्तावेज सौंपने के बहाने उन्हें पुणे बुलाया गया और यहां सदाशिव पेठ के एक फ्लैट में लेजाकर उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें काफी देर तक बंधक रखा गया। पाटिल का कहना था कि चाकू की नोक पर उनसे 5 लाख नगद वसूले गए और उनसे जबरदस्ती निदेशक के पद से इस्तीफा दिलवाया गया। यही नहीं उनकी जेब में रखे कैश और सोने के जेवर भी लूटे लिए गए। कुछ दिनों पहले शिकायतकर्ता ने जलगांव में जीरो FIR दर्ज करायी थी, जिसे बाद में पुणे ट्रांसफर कर मंगलवार को केस रजिस्टर्ड किया गया है।
माछिंद्र चव्हाण ने बताया, "हमने गिरीश महाजन सहित 29 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। हम अपराध में उनकी भूमिका का सत्यापन करेंगे। शिक्षा ट्रस्ट का कार्यालय जलगांव में स्थित है। शिकायतकर्ता पिछले दो वर्षों से भय और दबाव में था और अब वह शिकायत दर्ज करने के लिए आया था।"भाजपा नेता गिरीश महाजन ने कहा है कि पुणे में उनके खिलाफ दायर फिरौती का मामला एक राजनीतिक साजिश का हिस्सा है और सभी जानते हैं कि इसके पीछे का मास्टरमाइंड कौन है। महाजन ने अदालत में एक याचिका दायर कर इस मामले की केंद्रीय जांच एजेंसी से जांच करवाने की मांग की है।