कुम्भ मेले मे कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां, 102 लोग हुए कोरोना पॉजिटिव
हरिद्वार: देशभर में कोरोना संक्रमण की बढ़ती रफ्तार का खौफ सरकार और लोगों में दिख रहा है. लेकिन, हरिद्वार महाकुंभ में इसका असर न के बराबर देखने को मिला. न मास्क न सोशल डिस्टेंस और कोरोना के नियम भूलकर लाखों की संख्या में भक्त कुंभ में पहुंच रहे हैं इस दौरान पूरा मेला प्रशासन नाकाम रहा साबित होता दिखाई दे रहा है.
कुंभ मेला पुलिस नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, बीते सोमवार को हुए दूसरे शाही स्नान में 31 लाख से भी ज्यादा भक्तों ने इस स्नान में भाग लिया था.
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, इस दौरान बीते रविवार रात 11:30 बजे से सोमवार शाम 5 बजे तक 18169 श्रद्धालुओं की कोरोना टेस्ट किया गया, जिसमें से 102 पॉजिटिव पाए गए हैं. तो कई जगह मेला प्रशासन की थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था नदारद दिखी. CCTV कैमरों की निगरानी के बावजूद मास्क नहीं पहन रहे हैं.
बता दें कि शाही स्नान के लिए एक दिन में 13 अखाड़े गंगा में एक साथ शाही स्नान करने उतरें थे और इस दौरान मेला प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए. इन अखाड़ों में 7 संन्यासी अखाड़े, 3 बैरागी अखाड़े और 3 वैष्णव अखाड़े शामिल हैं. इन सभी ने स्नान हर की पैड़ी ब्रह्मकुंड पर किया. निरंजनी अखाड़े के संतों ने सबसे पहले शाही स्नान किया, जबकि श्री निर्मल अखाड़ा के संतों को सबसे आखिर में मौका मिला. अखाड़ा के स्नान करने के बाद ही अन्य श्रद्धालुओं के लिए ब्रम्हकुंड स्नान के लिए खोले गए
स्नान के दौरान घाटों पर उमड़ी भीड़ की फोटो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुई और लोगों ने इसकी तुलना 2020 में दिल्ली स्थित निजामुद्दीन दरगाह में हुए मरकज से करते हुए आलोचनाएं करनी शुरू कर दी.जिसपर उत्तराखंड सरकार ने सफाई देते हुए कहा कि 'कुंभ की तुलना मरकज से नहीं की जा सकती है. मरकज एक हॉल के अंदर था. उसी हॉल में लोग सोते भी थे. वहीं कुंभ में 16 घाट हैं. केवल हरिद्वार ही नहीं कुंभ ऋषिकेश से लेकर नीलकंठ तक फैला है. लोग एक सही जगह पर स्नान कर रहे हैं और इसके लिए भी समय सीमा है. इसकी तुलना मरकज से कैसे की जा सकती है.