नई दिल्ली। आंदोलनकारी किसानों और सरकार के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में चल रही 7वें दौर की बातचीत खत्म हो गई है. किसान नेता राकेश सिंह टिकैत ने कहा कि बैठक में केंद्र के तीनों कृषि कानूनों पर बातचीत हुई. MSP पर सरकार ने कहा है कि वह 8 जनवरी को बात करेगी. दिनभर चली बातचीत में किसान संगठन तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर अड़े रहे. वहीं सरकार ने आपत्ति वाले बिंदुओं को निकालकर उनमें सुधार करने की बात कही. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक के दौरान किसानों से बार-बार अपील की कि वे इन सुधारों के लिए मान जाएं.
बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, 'जब तक सरकार एमएसपी (MSP) पर गारंटी और तीनों कानूनों को वापिस नहीं ले लेती, तब तक हम यहीं रहेंगे. चाहे सरकार कोई भी समिति गठित कर ले.' वहीं भारतीय किसान सभा के नेता हन्नान मोल्लाह ने कहा, 'मानवीय दृष्टिकोण से सरकार को विचार करना चाहिए और किसानों की समस्या को सुलझाना चाहिए. सोनिया गांधी अपना ओपिनियन दे सकती हैं, लेकिन यह आंदोलन किसानों का है और यहां किसान ही जीतेगा.
'कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान और केंद्र सरकार के बीच 30 दिसंबर को छठे दौर की बाचतीच हुई थी. लगभग पांच घंटे चली बैठक में बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए कुछ सहमति बनी, लेकिन दो बड़े मुद्दों पर गतिरोध बना रहा. किसानों की मांग है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए कानूनी गारंटी दी जाए और तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।