किसान आंदोलन की आड़ में चल रहा खालिस्तानी मूवमेंट, Maharashtra Cyber Cell का खुलासा

Update: 2020-12-11 10:20 GMT

सोशल media

मुंबई। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन की आड़ में खालिस्तानी मूवमेंट्स चलाए जाने की आशंका है. कुछ सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया है कि इस आंदोलन के बीच खालिस्तानी विचारधारा के समर्थन सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं. महाराष्ट्र की साइबर सेल ने दावा किया है कि कई सोशल अकाउंट्स जो इस्तेमाल नहीं हो रहे थे, उन पर एक्टिविटी बढ़ गई है.एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कट्टर विचारधारा के लोगों ने बीते कुछ दिनों के भीतर आतंकी भिंडरावाले और खालिस्तान से जुड़ी पोस्ट्स शेयर की. 16 दिनों में करीब 12,800 पोस्ट्स पाए गए जिसमें खालिस्तान का जिक्र है.

जबकि 6321 पोस्ट्स में भिंडरावाले का जिक्र है.सेल ने दावा किया कि उनकी जांच में यह पाया गया कि अधिकतर अकाउंट्स का इस्तेमाल ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा और भारत से चलाए जा रहे हैं. कुछ अकाउंट्स नवंबर या दिसंबर में बनाए गए तो कुछ अकाउंट्स हैं जो अब तक इनएक्टिव थे लेकिन अचानक से उन पर गतिविधि बढ़ गई है. जांच में पाया गया कि इन अकाउंट्स को चलाने वाले साइबर एक्सपर्ट्स हैं. ये लोग पहचान छिपाने के लिए अलग-अलग देशों के आईपी एड्रेस इस्तेमाल कर रहे हैं.

बीते दिनों राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण ने देशविरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेने और देश में क्षेत्रीयता और धर्म के आधार पर रंजिश बढ़ाने के आरोप में अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में रहने वाले 16 लोगों के खिलाफ एनआईए के आरोपपत्र में कहा गया है कि अमेरिका से सात आरोपी, ब्रिटेन से छह और कनाडा से तीन आरोपी 'खालिस्तान' के गठन के लिए 'रेफरेंडम 2020' के बैनर तले अलगाववादी अभियान शुरू करने की साजिश में संलिप्त थे. विशेष अदालत के सामने गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आरोपपत्र दाखिल किया गया.

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