श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में पहली बार हुए जिला विकास परिषद चुनावों की सफलता ने विधानसभा चुनाव के लिए रास्ता आसान कर दिया है। सीटों के परिसीमन के बाद अगले साल नवंबर में वहां विधानसभा चुनाव कराए जा सकते हैं। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा है कि मोदी सरकार जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। वहीं चुनावी नतीजों से उत्साहित भाजपा ने इसे आशा और विकास की जीत करार दिया है।
पार्टी के वरिष्ठ नेता व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नतीजों को राज्य की जनता का अलगाववादियों के मुंह पर करारा तमाचा बताया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के अधिकारी के अनुसार डीडीसी का चुनाव कई मायनों में अहम है। पिछले तीन दशक में यह पहला ऐसा चुनाव है, जिसका किसी भी संगठन ने बायकॉट नहीं किया। यही नहीं, चुनाव परिणाम आने के बाद भी किसी भी दल ने चुनाव प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायत नहीं की।
अभी तक के चुनावों की तुलना में जनता की बढ़ी भागीदारी से भी साफ है कि विकास और बेहतर भविष्य के लिए लोगों ने आतंकवाद और अलगाववाद की जगह लोकतंत्र को प्राथमिकता दी। अमित शाह के अनुसार इससे लोकतंत्र के प्रति लोगों की आस्था और मनोबल को और बढ़ावा मिलेगा। जाहिर है पिछले साल अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पहली बार हुए चुनाव में जनता की भागीदारी से सरकार के हौसले बुलंद हैं और वह विधानसभा चुनाव में भी ऐसी ही जनभागीदारी की उम्मीद कर रही है।