21 दिन में रेप के आरोपियों को होगी फांसी या आजीवन कारावास

Update: 2020-12-14 08:18 GMT

फाइल photo

मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिवसीय अधिवेशन के पहले दिन महिलाओं और बच्चों के खिलाफ जघन्य अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए 'शक्ति बिल' को सदन के पटल के पटल पर रखा गया है। इस बिल पर चर्चा जारी है। इसी सत्र में बिल को राज्य सरकार बहुमत से पास करवा लेगी। इसे तेलांगना के 'दिशा एक्ट' की तर्ज पर तैयार किया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा और विधान परिषद में इस बिल को पेश किया है। मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद उद्धव ठाकरे ने इस बिल को लाने के लिए प्रतिबद्धता दर्शाई थी।

इस बिल में दोषियों के लिए मृत्युदंड, आजीवन कारावास और भारी जुर्माना सहित कड़ी सजा और मुकदमे की त्वरित सुनवाई के प्रावधान हैं। प्रस्तावित कानून को राज्य में लागू करने के लिये विधेयक के मसौदे में भादंसं, सीआरपीसी और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं में संशोधन करने का प्रस्ताव है। सूत्रों के मुताबिक, रेप और हत्या, गैंगरेप करने वाले को 21 दिन में फांसी के फंदे पर लटकाने का भी प्रावधान इस बिल में रखा गया है। इसमें 15 दिनों के भीतर किसी मामले में जांच पूरी करने और 30 दिन के भीतर सुनवाई का प्रावधान है।

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