प्रशांत किशोर का चैलेंज,बंगाल में 200 सीटें नहीं आई,तो क्या भाजपा नेता भी पद छोड़ेंगे?

Update: 2020-12-22 13:37 GMT

नई दिल्ली। अगर भाजपा पश्चिम बंगाल में 200 सीटें हासिल करने में विफल रही तो वे अपने पद छोड़ देंगे। इस तरह का सवाल चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को भाजपा नेताओं को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करने की चुनौती दी है। एक दिन पहले पीके ने दावा किया था कि भाजपा बंगाल में सीटों के मामले में दहाई की संख्या तक भी नहीं पहुंच पाएगी। किशोर ने अपना आंकलन दोहराते हुए कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में दहाई के आंकड़े को पार करने में संघर्ष करेगी और 100 से कम सीटें हासिल करेगी। अगर उन्हें इससे ज्यादा सीटें मिलती हैं तो मैं अपना काम छोड़ दूंगा। अगर भगवा दल उनके बताए गए अनुमान से बेहतर प्रदर्शन करता है तो भी वह अपना काम छोड़ देंगे।

किशोर जिन्होंने 2014 में प्रधानमंत्री पद के लिए नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार का सफलतापूर्वक प्रबंधन किया था, इस बार पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के लिए काम कर रहे हैं ताकि अगले साल अप्रैल मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी की संभावनाओं को बढ़ाया जा सके। चुनाव रणनीतिकार ने सोमवार को ट्वीट किया था कि पश्चिम बंगाल में सीटें जीतने के मामले में भाजपा दहाई की संख्या पार नहीं कर पाएगी। इसके बाद ट्विटर पर भाजपा नेताओं के साथ उनकी जबानी जंग शुरू हो गई थी। गौरतलब है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की बंगाल यात्रा के बाद किशोर की टिप्पणी आई है।

शाह की यात्रा के दौरान तृणमूल कांग्रेस के पूर्व नेता सुवेंदु अधिकारी, नौ विधायक एवं तृणमूल कांग्रेस के एक सांसद भाजपा में शामिल हो गए थे। शाह ने दावा किया है कि भाजपा पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में 200 सीटें जीतेगी। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं बंगाल में पार्टी मामलों के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने सरकार बनने के बाद इस देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा।'

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