मुंबई: कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण मरीजों के लिए रेमेडिसविर इंजेक्शन की मांग काफी बढ़ गई है। इसलिए यह देखा गया है कि राज्य में रेमेडिसवीर का काला बाजार तेजी से चल रहा है। ऐसी विकट स्थिति में भी कुछ लोंग नकली रेमेडिसवीर इंजेक्शन बनाने का करोबार कर रहे है। जिन लोगों को रेमेडिसवीर की जरूरत पड़ रही है वो लोग बिना कुछ सोचे समझे रेमेडिसवीर खरीद रहे है क्योंकि वो अपनों की जान बचाना चाहते है। ऐसे मे नकली रेमेडिसवीर के चलते लोगों की जान भी जा रही है तो आप नकली रेमेडिसवीर इन्जेक्शन को कैसे पहचाने ताकि पैसे जरूरत से ज्यादा पैसे देकर भी अगर नकली रेमेडिसवीर आपके हाथ आए तो क्या करे
नकली रेमेडिसवीर को कैसे पहचाने
100 मिली की एक बोतल है। यह बॉक्स और बोतल पर स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है है। इस बोतल को खोलने के बाद ही इस्तेमाल किया जाता है।
सभी इंजेक्शन 2021 में बने हैं।
कांच की बोतल बहुत नाजुक होती है।
इंजेक्शन केवल पाउडर के रूप में दिया जाता है।
बॉक्स के पीछे बार कोड जनरेट होता है।
सभी इंजेक्शन की बोतलों पर RxRemdesivir लिखा है।
झूठी रेमेडिसविर के बॉक्स पर एड्रेस स्पेलिंग गायब है। जैसे कि Telangana का Telagana
देश के कुछ हिस्सों में रेमेडेसिविर नाम से नकली इंजेक्शन बेचे जाने के मामले सामने आए हैं। नकली इंजेक्शन बनाने के आरोप में बारामती में दो युवकों को भी गिरफ्तार किया गया था।अगर आप रेमेडेसिविर इन्जेक्शन खरीद रहे है तो कृपया इन चीजों को ध्यान से एक बार देख ले।
ओरिजिनल बोतल ऐसी होती है....