सरकार ने किसानों को भेजा प्रस्ताव ,क्या अब मानेंगे किसान

Update: 2020-12-09 09:22 GMT

मुंबई : कृषि कानूनों  के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन 14वें दिन भी जारी है. इस बीच सरकार ने किसानों को प्रस्ताव भेजा है, जिसमें बताया गया है कि कानूनों में क्या बदलाव किया जा सकता है. किसानों ने सरकार के छठे दौर की बैठक से पहले लिखित प्रस्ताव की मांग की थी. बता दें कि आंदोलन खत्म करने के लिए सरकार और किसानों के बीच अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसका कोई नतीजा नहीं निकला. सरकार ने किसानो को भेजा लिखित प्रस्ताव भेजा है जिसमें मुख्य रूप से न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) का जिक्र किया गया है. इसके अलावा सरकार की ओर से प्रस्ताव में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, मंडी सिस्टम में किसानों की सहूलियत देने और प्राइवेट प्लेयर्स पर टैक्स लगाने की बात की गई है. इसके साथ ही सरकार ने किसानों को छठे दौर की बातचीत के लिए निमंत्रण दिया है. किसान और सरकार के बीच छठे दौर की बातचीत कल सुबह 11 बजे विज्ञान भवन में हो सकती है.

कानूनों में क्या बदलाव कर सकती है सरकार​

- कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के कानून में अभी किसान के पास कोर्ट जाने का अधिकार नहीं है, ऐसे में सरकार इसमें संशोधन कर कोर्ट जाने के अधिकार को शामिल कर सकती है.

- प्राइवेट प्लेयर अभी पैन कार्ड की मदद से काम कर सकते हैं, लेकिन किसानों ने पंजीकरण व्यवस्था की बात कही. सरकार इस शर्त को मान सकती है.

- इसके अलावा प्राइवेट प्लेयर्स पर कुछ टैक्स की बात भी सरकार मानती दिख रही है.

सरकार की ओर से प्रस्ताव मिलने के बाद अब किसान नेताओं की सिंघु बॉर्डर पर बैठक होगी. इसके बाद आगे की रणनीति का ऐलान किया जाएगा. इसके साथ ही 40 किसान संगठनों की बैठक के बाद किसान इस बात का फैसला करेंगे कि सरकार के साथ आगे की वार्ता होनी है या फिर नहीं.

किसान क्या चाहते है 

APMC एक्ट में बदलाव, फ्री मंडी में भी समान टैक्स, पहले फ्री मंडी में टैक्स नहीं था.

विवाद होने पर स्थानीय कोर्ट जाने का भरोसा, पहले सिर्फ SDM के पास जा सकते थे.

फ्री ट्रेडर्स के लिए रजिस्ट्रेशन सुविधा, पहले सिर्फ पैन कार्ड से काम चल सकता था.

कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग में बदलाव, किसान की जमीन की सुरक्षा का भरोसा.

MSP पर सरकार लिखित गारंटी देने को तैयार.

पराली जलाने के मसले पर सख्त कानून में नरमी. 

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