किसानों को तारीख पर तारीख दे रही सरकार,15 को किसान अधिकार दिवस मनाएगी कांग्रेस,होंगी रैलियां

Update: 2021-01-09 13:21 GMT

नई दिल्ली। कृषि कानूनों को खत्म करने के लिए संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की प्रमुख घटक पार्टी कांग्रेस आगामी 15 जनवरी को पूरे देश में किसान अधिकार दिवस का आयोजन करेगी. पार्टी ने यह फैसला किया है कि वह तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए आगामी 15 जनवरी को सभी राज्यों में 'किसान अधिकार दिवस' मनाएगी.

उसने यह ऐलान भी किया है कि राज्यों में उसके नेता और कार्यकर्ता राजभवनों तक मार्च निकालेंगे.पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल की अध्यक्षता में राज्यों के महासचिवों और प्रभारियों की बैठक आयोजित की गई. इसमें यह फैसला किया गया कि पार्टी देश के किसानों से मजबूती से खड़ी रहेगी.

केंद्र की मोदी सरकार की ओर से बनाए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में देश के किसान बीते करीब डेढ़ महीने से आंदोलनरत हैं. इस आंदोलन को समाप्त करने के लिए सरकार और किसानों के बीच अब तक करीब 9 दौर की बैठक भी हो चुकी है, लेकिन इन बैठकों में अभी तक कोई माकूल समाधान नहीं निकल पाया है. अब अगले दौर की बैठक आगामी 15 जनवरी को तय की गई है. कांग्रेस भी किसान और सरकार के बीच होने वाली अगले दौर की बैठक के ही दिन किसान अधिकार दिवस आयोजित करने का फैसला किया है.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार को देश के अन्नदाताओं की चेतावनी को समझने का वक्त आ गया है, क्योंकि देश का किसान इन तीनों काले कानूनों को खत्म कराने के लिए 'करो या मरो' की राह पर चल पड़ा है. सरकार सरकार देश के किसानों को 'थकाने और झुकाने' की साजिश कर रही है. वह काले कानून खत्म करने की बजाय 40 दिन से 'मीटिंग-मीटिंग' खेल रही है तथा किसानों को 'तारीख पर तारीख' दे रही है.

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