मुंबई। फर्जी TRP केस में अरेस्ट पांच लोगों में से तीन ने मजिस्ट्रेट के सामने रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों का नाम लिया। ये लोग व्यूअरशिप बढ़ाने में शामिल हैं। तीनों आरोपियों ने खुद को एक रैकेट का हिस्सा बताया और कहा कि तय चैनल देखने के एवज में लोगों को पैसा दिया जाता था। एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा। तीनों आरोपियों को कोर्ट में गवाह के तौर पर पेश किया जाएगा। परमबीर सिंह ने कहा कि एक अन्य गवाह ने बॉक्स सिनेमा के खिलाफ बयान दिया। जिन तीन आरोपियों ने बयान दिए हैं उनमें एक हंसा रिसर्च का कर्मचारी भी है।
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि बयान सीआरपीसी के सेक्शन 164 के तहत दर्ज किए जा रहे हैं, इसमें मजिस्ट्रेट के सामने पूछताछ होती है। गुरुवार को असिस्टेंट इंस्पेक्टर सचिन वाजे ने रिपब्लिक टीवी के सीनियर एग्जीक्यूटिव एडिटर अभिषेक कपूर से तीन घंटे तक पूछताछ की। एग्जीक्यूटिव एडिटर निरंजन नारायण स्वामी का बयान दर्ज किया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार अर्नब और रिपब्लिक टीवी की ओर से दायर याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और उन्हें हाईकोर्ट में अपील करने को कहा। याचिका में पुलिस के समन पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, "हमें हाईकोर्ट पर विश्वास रखना चाहिए।