महबूबा के बयान पर घमासान,फारूक बोले,हम भाजपा विरोधी,राष्ट्रद्रोही नहीं

Update: 2020-10-24 13:32 GMT

फाइल photo

जम्मू। कश्मीर में अब नया बवाल महबूबा मुफ्ती के बयान से मचा हुआ है। विरोध करने वाले इसे तिरंगे का अपमान बता रहे हैं। डॉ. फारूक अब्दुल्ला के चीन समर्थन वाले से भी बवाल मचा था। वह अभी ठंडा नहीं पड़ा है। मगर अब्दुल्ला ने कहा है कि हम भाजपा विरोधी हैं, राष्ट्रद्रोही नहीं हैं। महबूबा मुफ्ती के तिरंगे को लेकर की गई टिप्पणी के बाद, दर्जनों शिवसेना डोगरा फ्रंट और विहिप के कार्यकर्ताओं ने उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। महबूबा ने कहा था कि वह केवल तभी तिरंगा धारण उठाएंगी, जब जम्मू और कश्मीर का झंडा बहाल होगा। इनकी इस टिप्पणी के बाद, एसएसडीएफ के अध्यक्ष अशोक गुप्ता के नेतृत्व में, हाथों में तिरंगा पकड़े हुए प्रदर्शनकारियों ने रानी पार्क में इकट्ठा होकर पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ नारे लगाए। उनके इस कदम से आहत गुप्ता का कहना है कि राष्ट्रीय ध्वज हमारा गर्व और सम्मान है। यह हमारे शहीदों की प्रतिष्ठा है।

हमारे पास तिरंगे पर गर्व करने वाले मुसलमान हैं, हम किसी को भी अपने भाईचारे को चोट नहीं पहुंचाने देंगे। उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसदों के इस्तीफे की भी मांग की और कहा कि जो भी गुपकार घोषणा का हिस्सा हैं, उन्हें पाकिस्तान और चीन भेजा जाना चाहिए। कश्मीर में मुख्यधारा के राजनीतिक दलों- नेकां और पीडीपी सहित सभी ने पिछले साल के 5 अगस्त से पहले पूर्ववर्ती राज्य की विशेष स्थिति की बहाली के लिए इस महीने गुपकार घोषणा के लिए पीपुल्स गठबंधन का गठन किया है। प्रदेश भाजपा भी अब महबूबा मुफ्ती के बयान के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है। भाजपा ने महबूबा मुफ्ती के बयानों को देशद्रोही बताया है। भाजपा ने कहा कि 'धरती की कोई ताकत' वह झंडा फिर से नहीं फहरा सकती और अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकती। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रवींद्र रैना ने कहा कि मैं उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से अनुरोध करता हूं कि वह महबूबा मुफ्ती के देशद्रोही बयान का संज्ञान लें और उन्हें सलाखों के पीछे डालें।

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