Farmers protest:मुंबई किसानों की रैली में आखिर शिवसेना क्यों रही गायब न उद्धव आये, न आदित्य?
मुंबई। मुंबई में किसानों की रैली को महाराष्ट्र की सत्ताधारी महाविकास आघाडी की सरकार का समर्थन था. NCP और कांग्रेस के दिग्गज नेता तो किसानों के मंच पर पहुंचे पर शिवसेना का न तो कोई नेता और न ही कार्यकर्ता रैली में नजर आया.किसान और मजदूरों संगठनों की ओर से सोमवार को आजाद मैदान में कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन किया गया.
आजाद मैदान में एक बड़ा मंच बनाया गया. मंच पर किसान-मजदूर और वामपंथी दलों के नेताओं के अलावा राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी शिरकत की। NCP प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के बालासाहेब थोरात और समाजवादी पार्टी के अबू आजमी समेत कई नेताओं ने सभा को संबोधित किया.
पर शिवसेना का न तो कोई नेता आया और न ही कोई कार्यकर्ता. रैली में न तो उद्धव ठाकरे आये, न आदित्य ठाकरे, और न ही कोई दूसरा नेता दिखा. मंच पर आंदोलन में शामिल होने वाले तमाम दलों के नाम लिखे थे जिनमें शिवसेना का नाम भी था. ऐसे में शिवसेना की गैर मौजूदगी से सवाल उठने शुरू हो गये हैं। शिवसेना के रवैए किसान कानूनों को लेकर पहले से ही उलझनभरा और अस्पष्ट रहा है. लोकसभा में शिवसेना कृषि बिलों का समर्थन कर चुकी है तो राज्य सभा में उनका विरोध किया. सीएए के संसद में पारित किये जाते वक्त भी शिवसेना का बर्ताव ऐसा ही रहा.
जब पत्रकारों ने शिवसेना नेताओं से रैली में उनके हाजिर न होने पर सवाल किया तो गोलमोल जवाब मिला. उद्धव ठाकरे के बेटे और राज्य के पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि शरद पवार राज्य में गठबंधन के नेता हैं. उनके जाने से फिर शिवसेना को किसी नेता को भेजने के जरूरत नजर नहीं आई।