सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भड़के किसान, कहा - हम सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को नहीं मानते
- नई दिल्ली: कृषि कानूनों पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा आदेश सुनाते हुए इन कानूनों को लागू किेए जाने पर रोक लगा दी है। बता दें कि कोर्ट के अगले आदेश तक ये कानून लागू नहीं होंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाते हुए किसानों के मुद्दे के समाधान के लिए कमिटी गठित करने का आदेश दिया है।
- आपको बता दें कि कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि दुनिया की कोई ताकत उसे नए कृषि कानूनों पर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए समिति का गठन करने से नहीं रोक सकती और उसे समस्या का समाधान करने के लिए कानून को निलंबित करने का अधिकार है।
- इस बीच कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 48वें दिन भी जारी है। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी मांगें मानने की अपील की है।
- वहीं किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा "सरकार अपने ऊपर से दबाव कम करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के जरिए कमेटी ले आई, इसका हमने कल ही विरोध कल दिया था। हम प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से कमेटी को नहीं मानते हैं, कमेटी के सारे सदस्य कानूनों को सही ठहराते रहे हैं"।
- सुप्रीम कोर्ट ने बना दी 4 सदस्यीय कमेटी
- गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे के समाधान के लिए 4 सदस्यीय कमिटी बनाने का आदेश दिया है। बता दें कि इस कमिटी में भूपिंदर सिंह मान (अध्यक्ष बेकीयू), डॉ प्रमोद कुमार जोशी (अंतरराष्ट्रीय पॉलिसी हेड), अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल धनावत (शिवकेरी संगठन, महाराष्ट्र) होंगे।