कभी सनी देओल का किया प्रचार PM संग तस्वीर..दीप सिद्धू पर लगा है किसानों को भड़काने का आरोप
चंडीगढ़। दिल्ली में लालकिले पर निशान साहिब फहराने के बाद सिद्धू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया था, जिसमें उसने कहा, 'हमने सिर्फ लालकिले पर निशान साहिब फहराया है जो कि हमारा लोकतांत्रिक हक है। वहां पर तिरंगा नहीं हटाया गया था।' किसान संगठनों का कहना है कि सिद्धू के कहने पर ही प्रदर्शनकारी उग्र होकर लाल किले में दाखिल हुए थे। भले ही फिल्म ऐक्टर और गुरदासपुर के सांसद सनी देओल ने दीप सिद्धू से अपने रिश्ते ना होने के दावे किए हों, पर बात जरूर है कि दीप 2019 के चुनाव में उनके चुनाव प्रभारी थे। किसान संगठनों का दावा है कि सिद्धू ने 2019 के लोकसभा चुनाव में सिद्धू के लिए गुरदासपुर में जमकर प्रचार किया था। पिछले साल दिसंबर में देओल ने सिद्धू से दूरी बना ली थी।
कुछ वक्त पहले सिद्धू का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इस वीडियो में सिद्धू सिंघु बॉर्डर पर किसानों संग खड़े थे। इस वीडियो के बाद पंजाब के किसानों की पढ़ाई और उनके स्टेटस को लेकर तमाम चर्चाएं भी शुरू हुई थीं। पिछले हफ्ते एनआईए ने सिद्धू को सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) मामले की जांच के सिलसिले में पेश होने के लिए समन भेजा था, जो पिछले साल 15 दिसंबर को दर्ज किया गया था। लाल किले की घटना के बाद किसान संगठन अब उससे पल्ला झाड़ रहे हैं।
यहां तक कि संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने भी सिद्धू से दूरी बना ली है और उस पर किसानों को लालकिले की ओर ले जाने का आरोप लगाया। वहीं दिल्ली के पूरे घटनाक्रम के बाद गुरदासपुर के बीजेपी सांसद सनी देओल ने कहा कि उनका या उनके परिवार का सनी देओल का कोई संबंध नहीं है। दीप सिद्धू की एक तस्वीर इंटरनेट में वायरल हो रही है. जिसमें पंजाबी अभिनेता PM मोदी और फिल्म ऐक्टर और गुरदासपुर के सांसद सनी देओल के साथ एक फोटो है. अब विपक्ष ने यह कहकर मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है कि सिद्धू ने सरकार के इशारे में किसानों को बरगलाकर प्रदर्शन को हिंसक रूप दिलवाया है.
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने दीप सिद्धू पर अटैक किया है। उन्होंने कहा, 'आज के उपद्रव के पीछे सिख फॉर जस्टिस का हाथ है। खालिस्तानी दीप सिद्धू ने साजिश रची है। लाल किला पर जो झंडा फहराया गया, वह सिख झंडा नहीं था। हमारा धार्मिक झंडा केसरी होता है, पीला नहीं। जिन्होंने लाल किले पर कब्जा किया और उपद्रव मचाया, वे खालिस्तानी थे। किसान आज के उपद्रव में शामिल नहीं था। एनआईए की जांच हो।