एल्गार परिषद:नवलखा की जमानत याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट में खारिज

Update: 2021-02-08 14:20 GMT

मुंबई। एल्गार परिषद केस में माओवादी लिंक के आरोप में अरेस्ट हुए गौतम नवलखा की जमानत की अर्जी को बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया है। नवलखा फिलहाल तलोजा जेल में बंद हैं। उनकी खराब तबीयत का हवाला देकर हाईकोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई गई थी। नवलखा ने 12 जुलाई 2020 के एनआईए की विशेष अदालत के जमानत याचिका खारिज करने के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया था।

31 दिसंबर 2017 को पुणे में हुई एल्गार परिषद की सभा में कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिए थे, जिसके अगले दिन यानी 1 जनवरी 2018 को पुणे के कोरेगांव भीमा में हिंसा भड़क गई थी। पुलिस का यह भी आरोप है कि कार्यक्रम को माओवादी संगठनों का समर्थन हासिल था। इसी हिंसा के मामले में पिछले साल गौतम नवलखा समेत कई लोगों को अरेस्ट किया गया था।

गौरतलब है कि 1 जनवरी 1818 को भीमा-कोरेगांव की लड़ाई में पेशवा बाजीराव द्वितीय पर अंग्रेजों ने जीत दर्ज की थी। इसमें दलित भी शामिल थे। बाद में अंग्रेजों ने कोरेगांव में अपनी जीत की याद में जयस्तंभ का निर्माण कराया था। आगे चल कर यह दलितों का प्रतीक बन गया।

लड़ाई की 200वीं सालगिरह के मौके पर दलित संगठनों ने 1 जनवरी 2018 को कार्यक्रम का आयोजन किया था। हिंसा में एक युवक की मौत हो गई । इस हिंसा के लिए पुणे के शनिवार वाड़ा में हुए एल्गार परिषद कार्यक्रम को जिम्मेदार बताया गया था। गौतम नवलखा समेत एक दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।

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