Diwali 2020: ऑफिस, दुकान में ऐसे करें दीपावली पर लक्ष्‍मी पूजा

Update: 2020-11-13 15:25 GMT

इस बार कोरोना काल में पहली बार यह पर्व आ रहा है जो कि उत्‍सव और उजाले का पर्व है। स्कंद पुराण के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन प्रात: काल स्नान आदि से निवृत्त होकर सभी देवताओं की पूजा करनी चाहिए। इस दिन संभव हो तो दिन में भोजन नहीं करना चाहिए। घर में शाम के समय पूजा घर में लक्ष्मी और गणेश जी की नई मूर्तियों को एक चौकी पर स्वस्तिक बनाकर तथा चावल रखकर स्थापित करना चाहिए। मूर्तियों के सामने एक जल से भरा हुआ कलश रखना चाहिए।

इसके बाद मूर्तियों के सामने बैठकर हाथ में जल लेकर शुद्धि मंत्र का उच्चारण करते हुए उसे मूर्ति पर, परिवार के सदस्यों पर और घर में छिड़कना चाहिए। गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला आदि सामग्रियों का प्रयोग करते हुए पूरे विधि- विधान से लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। इनके साथ- साथ देवी सरस्वती, भगवान विष्णु, काली मां और कुबेर देव की भी विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए। पूजा करते समय 11 छोटे दीप तथा एक बड़ा दीप जलाना चाहिए। सभी छोटे दीप को घर के चौखट, खिड़कियों व छतों पर जलाकर रखना चाहिए तथा बड़े दीपक को रात पर जलता हुआ घर के पूजा स्थान पर रख देना चाहिए।

महालक्ष्मी पूजा या दिवाली पूजा के लिए रोली, चावल, पान- सुपारी, लौंग, इलायची, धूप, कपूर, घी या तेल से भरे हुए दीपक, कलावा, नारियल, गंगाजल, गुड़, फल, फूल, मिठाई, दूर्वा, चंदन, घी, पंचामृत, मेवे, खील, बताशे, चौकी, कलश, फूलों की माला, शंख, लक्ष्मी व गणेश जी की मूर्ति, थाली, चांदी का सिक्का, 11 दिए आदि वस्तुएं पूजा के लिए एकत्र कर लेना चाहिए।

लक्ष्मी जी की पूजा के समय निम्न मंत्र का लगातार उच्चारण करते रहना चाहिए:

ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम: ॥

दीपावली हिंदुओं का बहुत ही विशेष पर्व है। इस दिन विशेष रूप से देवी लक्ष्मी तथा भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस विशेष पर्व पर हर घर, परिवार, कार्यालय में लक्ष्मी जी की पूजा कर उनका स्वागत किया जाता है।

व्यवसाय को बढ़ाने तथा सुख-समृद्धि के साथ अपना कारोबार बढ़ाने के लिए दीपावली के दिन लक्ष्मी जी और गणेशजी की पूजा विधिपूर्वक अवश्य करनी चाहिए। दीपावली पर ऑफिस तथा घर में लक्ष्मी पूजा की विधि में थोड़ा- सा ही अंतर होता है।

पांच दिनों तक चलने वाले महापर्व दीवाली के आखिरी दिन भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। 16 नवंबर को भाई दूज का पर्व है। इसमें बहनें अपने भाई के माथे पर टीका लगाकर लंबी आयु का कामना करती हैं। 

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