अस्पताल परिसर बना सूअर वाडा, डॉक्टर, मरीज हुए परेशान शिकायतों के बाद भी नगरपालिका की कोई कार्रवाई नहीं!
स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र,अमरावती: जिला महिला अस्पताल (डफरिन) में बड़ी संख्या में खुले में अस्पताल परिसर में सूअरों को खुले में घूमते देखा जा सकता है। इससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह सच है कि अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों और उनके परिजन इन सूअरों से कितने पीड़ित हैं। अस्पताल में नियुक्त सुरक्षा रक्षक के पास से सूअरों को गुजरते देखा जा सकता है वो भी मौन पडे रहे थे है कुर्सी पर। साथ ही अस्पताल के डॉक्टरों और अन्य कर्मचारियों को भी इन सूअरों का सामना करना पड़ता है। जिससे अस्पताल परिसर काफी गंदा रहता है। आखिर क्यों नहीं दे रही है नगरपालिका इस पर ध्यान जबकि इन सूअरों से स्वाइन फ्लू और कई बीमारियों की बात सामने आती रहती है। अमरावती शहर के जनप्रतिनिधियों तक भी इस समस्या को पहुंचाया गया है लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं है।
इस संबंध में अस्पताल प्रशासन ने नगर पालिका प्रशासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। हालांकि अस्पताल प्रशासन का कहना है कि इस पर ध्यान नहीं दिया गया। ऐसे में अगर किसी को इन सूअरों से चोट लग जाए तो कौन जिम्मेदार है? ऐसा ही सवाल उठ रहा है। जिले के डफरिन अस्पताल से हर दिन सैकड़ों महिलाएं इलाज के लिए भर्ती होती हैं, इस क्षेत्र में इस अस्पताल में चार एक सुपर स्पेशियलिटी विभाग भी है। लेकिन इस अस्पताल क्षेत्र में गंदगी के कारण बड़ी संख्या में मुक्त सूअर इस क्षेत्र में घूमते नजर आते हैं. चूंकि कई बार ये सूअर वाहनों के सामने आ जाते हैं, इसलिए दुर्घटना की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। इसलिए अस्पताल परिसर में प्रवेश करते समय डॉक्टरों के साथ-साथ मरीजों को भी इन सूअरों का सामना करना पड़ रहा है। सूअरों की समस्या को लेकर अस्पताल प्रशासन ने नगर पालिका के संबंधित विभाग से चार-पांच बार पत्र लिखकर सूअरों के स्थाई समाधान की मांग की थी। इस अस्पताल में सूअर एक दो पहिया वाहन के सामने आने पर अचानक ब्रेक लगाने पर उसकी बाइक दुर्घटनाग्रस्त हो गई और उसको चोट भी आई थी। अस्पताल परिसर में इन सूअरों के आने पर सुरक्षा रक्षकों द्वारा भी उन्हें भगाया जाता है। जो हमारे कैमरे में कैद हुआ विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के नेता अजित दादा पवार ने जेजे अस्पताल में कुत्ते को देखने पर मुद्दा विधानसभा में उठाया था। उन्होंने कहा था कि जब आत्मदाह करने वाले किसान को देखने के लिए पहुंचे जे.जे अस्पताल तो कुत्तों की थी भरमार- अजित पवार
मैं सुबह साढ़े आठ बजे जेजे अस्पताल गया। गेट पर कुत्ते भी थे। मैं अंदर गया तो देखा कि लॉबी में कुत्ते घूम रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने खेद व्यक्त किया कि मैं महाविकास अघाड़ी सरकार के दौरान कभी जेजे अस्पताल नहीं गया, अन्यथा मैं कुछ करता और इस पर गौर करने का अनुरोध करता। मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए अजित पवार ने यह भी कहा कि उन्हें सोचना चाहिए मुख्यमंत्री से लेकर सभी नेताओं ने उनकी मांग को सही बताया था।
विजिटिंग कमेटी का करें गठन- विधानसभा अध्यक्ष
विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने भी विपक्ष नेता अजित पवार के विचारों से सहमति जताते हुए सरकार को इस पर गौर करने का निर्देश दिया और पिछले ढाई साल से स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ गठित होने वाली आगंतुक समिति का गठन नहीं किया गया है। इस समय मेरे विधानसभा क्षेत्र सेंट जॉर्ज और जी.टी. जैसी राज्य सरकार की दो बड़ी अस्पताल आती है इसकी याद दिलाई।
डॉ. विद्या वाठोडकर, वैद्यकीय अधीक्षक, डफरीन अस्पताल ने मैक्स महाराष्ट्र को बताया कि इसके बाद भी नगर पालिका प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। तो अगर इन सूअरों के हमले या टक्कर में किसी को चोट लगती है, तो कौन जिम्मेदार है? अस्पताल क्षेत्र में सूअर द्वारा परेशानी होने के कारण उन्होंने नगर पालिका प्रशासन से चार-पांच बार अपने निपटारे के लिए शिकायत की। लेकिन, इन मुक्त सूअरों के संबंध में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों को बेहतर सेवा देने वाले डॉक्टर इन सूअरों के चलते दुविधा में जिससे परिसर हमेशा गंदा रहता है एक नहीं दर्जनों सूअरों को अस्पताल परिसर में देखा जा सकता है।
डॉ. विद्या वाठोडकर, चिकित्सा अधीक्षक, डफरिन पूरे मामले पर दे रही है जानकारी।