मोदी सरकार के मंत्रियों के अलग-अलग बोल,कहा-दिल्ली में बैठे किसानों के पास कोई तर्क नहीं

Update: 2020-12-25 13:46 GMT

नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को आज एक महीना हो गया है। केंद्रीय मंत्रियों के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने गोयल ने शुक्रवार को कहा- दिल्ली बॉर्डर पर बैठे लोगों को गलतफहमियां हैं। वहां बैठे किसान एक ही इलाके से आते हैं। उन्होंने दो बार भारत बंद कराने की कोशिश की, पर वे कामयाब नहीं हुए। उनके पास कोई तर्क नहीं है, इसलिए वे चर्चा से भाग रहे हैं। उत्तराखंड के उधमसिंह नगर में भी किसान कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

बाजपुर में पुलिस ने बैरिकेड लगाकर उन्हें रोकने की कोशिश की, पर एक किसान ने बैरिकेड पर ही ट्रैक्टर चढ़ा दिया। घटना में किसी को चोट नहीं पहुंची है। उधर, दिल्ली में पुलिस ने चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर बंद कर दिए हैं। शनिवार को NH-44 को भी ट्रैफिक के लिए बंद रखा जाएगा। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि जो किसानों के हमदर्द बनकर उन्हें गुमराह कर रहे हैं, उनको भविष्य में जनता सबक सिखाएगी। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल को छोड़ सभी राज्य पीएम किसान सम्मान निधि योजना में शामिल हैं। मैंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखकर स्कीम में शामिल होने के लिए कहा है। वहां इस स्कीम से 70 लाख किसानों को फायदा होगा।

पीएम के किसानों को संबोधित करने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा- PM समेत हम सब किसानों से अपील करना चाहते हैं कि बैठिए, हर कानून पर हमारे साथ चर्चा कीजिए। मैंने तो यह भी अनुरोध किया है कि आप कृषि विशेषज्ञों को लाना चाहते हैं तो उन्हें भी लेकर आइए। भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि सरकार अभी भी गोलमोल बातें कर उलझा रही है। वह किसानों को दो फाड़ करने के लिए अलग-अलग मीटिंग करना चाहती है, जो हमें मंजूर नहीं। कोई ठोस फैसला न होने पर देशभर में आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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