CM केजरीवाल कर सकते है, तो उद्धव ठाकरे क्यों नहीं,कोरोना से हुई मौत तो उनके परिवार को 50 हजार रुपए देगी दिल्ली सरकार
मुंबई : मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कोरोना महामारी के दौरान जान-माल का नुकसान उठा रहे दिल्ली के निवासियों को राहत देने के लिए चार ऐतिहासिक योजनाओं का ऐलान किया।सीएम ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन के चलते गरीबों को चारों तरफ से मार झेलनी पड़ रही है। इसलिए सभी राशन कार्ड धारकों के साथ ही बिना राशन कार्ड वालों को भी राहत देने के लिए मुफ्त राशन दिया जाएगा।
सीएम बोले कि जिनके घर में कोरोना हो जाता है, उनको 10 तरह की समस्याएं होती हैं। उनको बीमार आदमी को लेकर अस्पताल जाना पड़ता है। सरकारी अस्पतालों में तो इलाज मुफ्त है, लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में अच्छा खासा पैसा लग जाता है। बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जिनके घर में अपने लोगों की मौत हो गई। उनके घर में जो कमाने वाले थे, उनकी मौत हो गई। अब घर में कोई कमाने वाला नहीं बचा। कई बच्चे ऐसे हैं, जिनको मैं जानता हूं कि जिनके दोनों मां-बाप चले गए। कई बुजुर्ग ऐसे हैं, जिनके कमाने वाले बच्चे चले गए।
CM केजरीवाल के 4 बड़े ऐलान
1. राशन कार्ड नहीं है, फिर भी भी मुफ़्त राशन।
2. कोरोना से मौत पर 50 हजार का मुआवजा।
3. कमाने वाले सदस्य की मौत पर 2500 की पेंशन
4. जो बच्चे अनाथ हो गए उन्हें 25 साल की उम्र तक 2500 महीने दिए जाएंगे और उनकी शिक्षा मुफ्त की जाएगी।
सीएम ने कहा कि आप सोच रहे होंगे इतनी बड़ी-बड़ी घोषणाओं के लिए पैसा कहां से आएगा? छह साल पहले आप लोगों ने एक ईमानदार सरकार चुनी थी। पिछले 6 साल से हमने रिश्वतखोरी और फिजूलखर्ची खत्म कर दी है। हम जहां से भी पैसा निकल सकते थे, वहां से पैसे निकाल कर हमने अपने दिल्ली के लोगों के लिए इन योजनाओं की घोषणा की है। मुसीबत की घड़ी में आप हमेशा मुझे अपने साथ खड़ा पाएंगे, यह मेरा फर्ज है।
केजरीवाल कर सकते है तो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे क्यों नहीं ?
केजरीवाल के इस फैसले के बाद महाराष्ट्र की जनता का कहना है कि दिल्ली CM केजरीवाल ये फैसला ले सकते है महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ये फैसला क्यों नहीं ले सकते . महाराष्ट्र सरकार चाहे तो निर्णय तुरंत ले सकती है देश की सबसे अमीर महानगरपालिका मुंबई महानगरपालिका है जिसके पास इतना पैसा है कि महाराष्ट्र के दूसरे जिलों में भी मदद कर सकती है और महाराष्ट्र सरकार के पास भी काफी पैसा है लेकिन जनता के लिए अपनी जेब से पैसा निकालने की भी हिम्मत चाहिए और वो हिम्मत केजरीवाल ने दिखा दी.