मुंबई : कोरोना की दूसरी लहर ने आम जनता से लेकर सरकार तक को डरा दिया है. इन दिनों कोरोना के सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र से सामने आ रहे हैं. लेकिन, देश के बाकी राज्यों के हालात भी कुछ खास दिखाई नहीं दे रहे हैं. पिछले एक हफ्ते के अंदर देशभर से कोरोना वायरस के 56 फीसदी नए केस सामने आए हैं.
लेकिन, इस दौरान 45 प्रतिशत मौत महाराष्ट्र में हुई है. इसी बीच सवाल खड़ा होता है कि क्या महाराष्ट्र को अगर अलग कर दिया जाए तो क्या देश के बाकी राज्यों के हालात ठीक हो सकते हैं? शायद नहीं. क्योंकि महाराष्ट्र से इतनी बड़ी संख्या में कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं कि बाकी लोग देश के दूसरों हिस्सों के बारे में सोच ही नहीं पा रहे हैं.
रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक देशभर में कोरोना की दूसरी लहर की शुरूआत 11 फरवरी से हुई थी. इस दिन देश में कोरोना के नए मरीज़ों की संख्या 10988 थी. महाराष्ट्र को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में 23 फरवरी तक हालात ठीक थे. औसतन हर रोज 7395 केस सामने आ रहे थे.
कोरोना के मौजूदा ग्राफ को अगर देखा जाए, तो इन दिनों महाराष्ट्र के साथ देश में हर रोज औसतन 65 से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं, जबकि इस आंकड़े से महाराष्ट्र को अलग कर दिया जाए तो औसत मरीजों की संख्या 28670 है. उत्तर प्रदेश तेजी से कोरोना के हॉटस्पॉट में तब्दील हो रहा है.
बाकी राज्यों में भी हालात खराब
देश के बाकी हिस्सों में पिछले 37 दिनों के दौरान 288 फीसदी नए केस बढ़े हैं. बीते 7 दिनों के दौरान औसत केस को देखा जाए तो ये 7395 थे. 1 अप्रैल को औसत केस की संख्या 28670 पर पहुंच गई. अगर कोरोना के नए मामलों में महाराष्ट्र की संख्या को भी मिला दिया जाए तो देश में औसत केस में 493 फीसदी का इजाफा हुआ है.
आपको बता दें कि महाराष्ट्र में अभी कुल मिलाकर 9 हॉटस्पॉट हैं. पिछले 1 हफ्ते के अंदर 56 फीसदी केस महाराष्ट्र से सामने आए हैं. इसके बाद कर्नाटक में देश के 5 फीसदी केस कर्नाटक से आए हैं. तीसरे नंबर पर छत्तीसगढ़ में 4.4% है. फिर पंजाब 4.4% की बारी आती है. महाराष्ट्र को अगर छोड़ दिया जाए, तो पिछले एक हफ्ते में देश के 75 फीसदी केस 9 राज्यों से आए हैं. जो कि कर्नाटक, छत्तीसगढ़, पंजाब, तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश.