Covaccine Trial For Children: शुरु हो गई बच्चों पर कोवैक्सीन ट्रायल, जानें इसमें क्या-क्या होता है?

Update: 2021-06-08 03:30 GMT

मुंबई :भारत में बच्चों की कोवैक्सीबन ट्रायल अब शुरु हो गई हैं। बता दें कि बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन को 18 साल से अधिक उम्र वालों पर आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी 6 महीने पहले से ही मिल चुकी है। इसी बीच बच्चों पर उसका ट्रायल शुरू हो रहा है।

कोवैक्सीन ट्रायल: AIIMS में इसके लिए स्क्रीनिंग सोमवार को शुरू हो गई है। भारत में डेवलप (develop) पहली कोविड-19 वैक्सीन Covccine का बच्चों पर ट्रायल बहुत जल्द शुरू होने वाला है। इस प्रयोग के ट्रायल में 2 से 18 साल तक के वालंटियर्स (age group) शामिल किए जाएंगे। हलांकि पटना के AIIMS में बच्चों पर इस वैक्सीन का ट्रायल पहले ही शुरू हो चुका है। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने 12 मई को 2 से 18 साल के एजग्रुप पर वैक्सीन के फेज 2/3 ट्रायल को मंजूरी दे दी थी।

जानकारी के मुताबिक यह ट्रायल कुल 525 स्वस्थ वालंटियर्स पर किया जाएगा। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, एक बार स्क्रीनिंग रिपोर्ट आने के बाद वैक्सीन की पहली डोज दी जाएगी। बता दें कि ट्रायल के दौरान, वैक्सींन की दो डोज लगेंगी। साथ ही दूसरी डोज 28 दिन के बाद लगाई जाएगी।

स्क्रीनिंग में वैक्सीन ट्रायल के दौरान क्या होता है?

वहीं ट्रायल में बच्चे शामिल किए जाएंगे जो स्व्स्थ होंगे।

जो भी ट्रायल में हिस्सा लेना चाहते हैं, उन्हें ट्रायल कर रही एजेंसी से संपर्क करना होगा।

उनके माता-पिता/गार्जियन की लिखित अनुमति जरूरी होगी।

गार्जियन को एक फॉर्म दिया जाएगा, उसमें बच्चों से जुड़ी कई जानकारियां मांगी जाएंगी।

बच्चों के ब्ल्ड/टिश्यूस सैमपलस् लेने और स्टोर करने की मंजूरी देनी होगी।

किसी भी तरह की ऐसी शारीरिक परेशानी जो ट्रायल में बाधा बने, उसके होने पर ट्रायल में शामिल नहीं हो सकेंगे।

एक डिक्लेंरेशन भी देना होगा, जिसमें यह लिखा होगा कि आपके (गार्जियन) को ट्रायल प्रक्रिया की जानकारी दी गई है और आप उससे सहमत हैं।

अगर किसी तरह की मेडिकल हिस्ट्री रही है, तो उसका ब्योरा देना होगा।

सभी वालंटियर्स का कोविड-19 और ऐंटीबॉडी टेस्‍ट होगा। निगेटिव आने पर ही ट्रायल में शामिल किए जाएंगे।

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