DCGI ने विदेशी टीका कंपनियों को भारत में 'ट्रायल' से दी छूट

Update: 2021-06-02 09:10 GMT

मुंबई : कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार वैक्सीनेशन की रफ्तार को बढ़ाने पर जोर दे रही है। इसके लिए भारत में अधिक से अधिक वैक्सीन कंपनियों का होना जरूरी है, ताकि डिमांड के मुताबिक वैक्सीन का उत्पादन हो सके।

बता दें कि देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार में तेजी लाने के लिए भारतीय दवा नियामक कंपनी (डीसीजीआई) ने एक बड़ा निर्णय लिया है। दरअसल, DCGI अब फाइजर और मॉडर्ना कंपनी को जल्द ही भारत लाना चाहती है। इनके अलग से ट्रायल कराने की शर्तों को हटा दिया है।

आसान भाषा में समझें तो जिन वैक्सीन को अमेरिकी FDA और विश्व स्वास्थ्य संगठन से आपातकालीन प्रयोग की मंजूरी मिल गई है, उन्हें भारत में अलग से ट्रायल की प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा।

उल्लेखनीय है कि अभी तक किसी भी विदेशी कंपनी को भारत में कोरोना वायरस रोधी टीका शुरू करने से पहले ब्रिजिंग ट्रायल करना होता था। इस ट्रायल में सीमित संख्या में स्थानीय स्वयंसेवकों पर टीके के प्रभाव और सुरक्षा को परखा जाता है, जिससे अब कंपनियों को छूट मिल गई है। DCGI के अध्यक्ष वीजी सोमानी ने नोटिस जारी कर इस बात की जानकारी दी है।

गौरतलब है कि फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन कंपनियों ने सरकार से क्षतिपूर्ति और भारत में अलग से ट्रायल न करने की छूट की मांग की थी। हालांकि, भारत सरकार ने क्षतिपूर्ति पर कोई फैसला नहीं लिया है, लेकिन अलग से ट्रायल न करने की छूट दे दी है।

डीसीजीआई ने कहा, "ऐसे टीकों को मंजूरी दी जाती है जो अमेरिकी एफडीए, ईएमए, यूके एमएचआरए, पीएमडीए जापान द्वारा स्वीकृत हैं या डब्ल्यूएचओ के आपात इस्तेमाल सूची में सूचीबद्ध हैं। जिनका इस्तेमाल पहले ही लाखों लोगों पर किया जा चुका है।

सीडीएल, कसौली द्वारा टीके की जांच करने और ब्रिजिंग ट्रायल से छूट दी जा सकती है।" हालांकि, DCGI ने कहा है कि इन टीके के पहले 100 लाभार्थियों पर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सात दिन तक निगरानी करनी होगी।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार की ओर से दावा किया है कि जुलाई-अगस्त तक हर दिन एक करोड़ लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई जाएगी। सरकार ने दावा किया है कि दिसंबर 2021 तक देश की पूरी व्यस्क आबादी का टीकाकरण हो जाएगा, लेकिन इस लक्ष्य को पूरा करने वैक्सीन की कमी अभी बाधा बन रही है। यही वजह है कि भारत में विदेशी टीका कंपनियों को जल्द से जल्द लाने के लिए अलग से ट्रायल न कराने की छूट दी गई है। 

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