मिड-डे-मील योजना के तहत 11.8 करोड़ बच्चों को मिलेगी वित्तीय सहायता,कोरोना काल में केंद्र सरकार का फैसला

Update: 2021-05-29 05:12 GMT

मुंबई : केंद्र सरकार ने भारत में कोरोना के कारण प्रभावित छात्रों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने  शुक्रवार को भारत सरकार की मिड-डे-मील योजना के तहत 11.8 करोड़ छात्रों को प्रत्यक्ष लाभ, डीबीटी के माध्यम से आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है।

केंद्र सरकार की ओर से आधिकारिक बयान के मुताबिक, मिड-डे-मील योजना के तहत खाना पकाने की लागत अब "सीधे लाभ हस्तांतरण" यानी (डीबीटी के माध्यम) से सभी पात्र बच्चों को एक विशेष कल्याण उपाय के रूप में दी जाएगी। इससे मध्याह्न भोजन को बढ़ावा मिलेगा। भारत सरकार इस उद्देश्य के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को करीब 12,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि मुहैया कराएगी।

केंद्र सरकार की इस मौद्रिक सहायता से पूरे देश के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कक्षा एक से 8वीं तक पढ़ने वाले करीब 11.8 करोड़ बच्चों को लाभ होगा। इसके अलावा, कई राज्य सरकारों ने भी कोविड -19 की वजह से अपने माता-पिता को खोने वाले छात्रों को धन राशि देने का ऐलान किया है।

केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, दिल्ली, झारखंड और जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों ने अपने-अपने राज्यों में बच्चों की शिक्षा खर्च को कवर करने की घोषणा की है। वहीं शुक्रवार को महाराष्ट्र की शिक्षा मंत्री गायकवाड़ ने भी कहा कि महाराष्ट्र शिक्षा विभाग ने पहली से 12वीं कक्षा के उन छात्रों को वित्तीय मदद की घोषणा की है, जिन्होंने कोविड-19 महामारी के कारण माता-पिता को खोया है।

गौरतलब है कि गुरुवार, 27 मई को केरल के सीएम पी विजयन ने घोषणा करते हुए कहा, "केरल सरकार की ओर से कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से जान गंवाने वालों के बच्चों को ₹3,00,000 तत्काल राहत के रूप में दिया जाएगा और ₹2,000 की मासिक राशि उन बच्चों के 18वें जन्मदिन तक जारी की जाएगी। इसके साथ ही ऐसे बच्चों का स्नातक तक की पढ़ाई का खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी।  

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