कोरोना से मरने वालों के परिवार को मुआवजा दे केंद्र सरकार, खुद तय करे राशि- सुप्रीम कोर्ट
मुंबई : सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने बुधवार को कोरोना वायरस (corona virus) से मरने वालों के परिवार को मुआवजा देने की मांग वाली याचिका पर फैसला सुनाया है। अदालत ने केंद्र सरकार को आदेश दिया कि वह कोविड से मरने वालों के परिवारों को मुआवजा दे। कोर्ट ने कहा कि केंद्र मुआवजा राशि तय कर 6 हफ्तों के अंदर राज्य सरकारों को निर्देश दे। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को निर्देश दिया है कि मृत्यु प्रमाण पत्र पाने की प्रक्रिया को सरल किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार कोरोना महामारी की चपेट में आकर जान गंवाने वालों के परिवार के हित में एक महत्वपूर्ण फैसला देते हुए केंद्र सरकार को आदेश दिया कि जिनकी मौत कोरोना के कारण हुई है, केंद्र सरकार उनके परिवारों को मुआवजा दे। हालांकि, ये मुआवजा कितना होना चाहिए ये खुद सरकार को तय करना होगा।
उल्लेखनीय है कि मामले में पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह कोरोना से मरने वालों के परिवारों को 4-4 लाख रुपए मुआवजा नहीं दे सकते हैं। केंद्र की इस दलील को ध्यान में रखते हुए ही बुधवार को सर्वोच्च अदालत ने कहा कि केंद्र खुद मुआवजे की राशि तय कर सकता है। कोर्ट ने ये भी माना कि कोरोना से मरने वालों के परिवारों को चार-चार लाख का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है।
केंद्र ने पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा था कि कोविड-19 के पीड़ितों को चार-चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है, क्योंकि आपदा प्रबंधन कानून में केवल भूकंप, बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं पर ही मुआवजे का प्रावधान है। सरकार ने आगे कहा कि अगर एक बीमारी से होने वाली मौत पर मुआवजे की राशि दी जाए और दूसरी पर नहीं तो यह पूरी तरह से गलत होगा।
केंद्र सरकार ने कहा, "सरकारी संसाधनों की एक सीमा होती है। अगर इस तरह से मुआवजा दिया गया तो वर्ष 2021-22 के लिए राज्य आपदा राहत कोष (SDRF) के लिए आवंटित राशि 22184 करोड़ रुपये इस मद में ही खर्च हो जाएंगे। लिहाजा महामारी के खिलाफ लड़ाई में उपयोग होने वाली राशि प्रभावित होगी। चार लाख रुपये की सहायता राशि राज्य सरकारों की वित्तीय सामर्थ्य से परे है। पहले से ही राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के वित्त पर भारी दबाव है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से ये जवाब एडवोकेट गौरव बंसल और रीपक कंसल द्वारा दायर उन याचिकाओं पर दिया था, जिसमें कोविड -19 महामारी से मारे गए लोगों के परिवार के सदस्यों को आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत 04 लाख रुपये का मुआवजा देने की मांग की गई थी। सर्वोच्च न्यायालय इस मामले की सोमवार को सुनवाई करेगा
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) से यह भी कहा कि वह एक ऐसा सिस्टम बनाए, जिससे कम से कम ही सही, लेकिन पीड़ितों को मुआवजा दिया जाए। देश की सबसे बड़ी अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि वह कोविड से जुड़े मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करे, जो प्रमाण पत्र पहले ही जारी हो गए हैं, उनमें सुधार किया जाए।