Up Panchayat Election में भाजपा रिश्तेदारों को नहीं देगी टिकट

Update: 2020-12-20 04:30 GMT

फाइल photo

लखनऊ। यूपी में होने वाले पंचायत चुनाव में अब बीजेपी से किसी भी सांसद, विधायक या मंत्री के परिवार का कोई व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकेगा. मुख्यमंत्री आवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में सरकार और संगठन के बीच यह तय हुआ और सभी मंत्रियों (वह चाहे कैबिनेट मंत्री और राज्यमंत्री हो या फिर स्वतंत्र प्रभार) को सीधे तौर पर यह कहा गया है कि अपने क्षेत्र में किसी के घर-परिवार का कोई सदस्य पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगा न ही उसे टिकट दिया जाएगा. परिवारवाद को खत्म करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संगठन के साथ मिलकर यह फैसला किया है। दरअसल, सपा-बसपा पर हमेशा यह आरोप लगता रहा है कि वह परिवारवाद की राजनीति करते हैं. जिसे बीजेपी समाप्त करने जा रही है और इसीलिए पार्टी ने अपने सभी नेताओं को साफ संदेश देते हुए कहा कि परिवारवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा.

इसीलिए किसी भी विधायक-सांसद व मंत्री के घर के व्यक्ति को चुनाव नहीं लड़ाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, पंचायत चुनावों के लिए उम्मीदवारों की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता भी तय की जाएगी. ग्राम पंचायत चुनाव में महिला और आरक्षित वर्ग के लिए न्यूनतम शैक्षिक योग्यता 8वीं पास होगी, जबकि 12वीं पास उम्मीदवार ही जिला पंचायत सदस्य का चुना लड़ सकेंगे. जिला पंचायत के लिए महिला, आरक्षित वर्ग और क्षेत्र पंचायत के लिए न्यूनतम 10वीं पास होने पर सरकार में सहमति भी बन चुकी है. इसे लेकर पंचायती राज एक्ट में संशोधन के लिए बहुत जल्द ही कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जा सकता है. सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक, विधानसभा के अगले सत्र में पेश पंचायतीराज संशोधन कानून से संबंधित विधेयक पेश हो सकता है.गौरतलब है कि अप्रैल 2021 में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की तैयारियां पूरी होने से पहले ही नया कानून लागू करने की कवायद शुरू हो चुकी है।

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