ब्राज़ील में कोवैक्सीन के सौदे पर विवाद के बीच भारत बायोटेक ने जारी किया बयान
मुंबई : भारत की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन कोवैक्सीन की ख़रीद को लेकर ब्राज़ील की ओर से एक फैसला लिया गया है। वैक्सीन खरीद की अनियमितता के आरोपों के बाद ब्राज़ील में भारत बायोटेक कंपनी के साथ सौदा रद्द किए जाने का फ़ैसला लिया गया है। जिसके बाद भारत बायोटेक ने इस संदर्भ में बयान जारी किया है।
कंपनी ने कहा है कि ब्राज़ील में पहले 'स्टेप बाय स्टेप' प्रक्रियाएं चलीं थीं। जिसके बाद नियामकों द्वारा इसकी अनुमति दिए जाने के बाद सौदा किया गया था।
2 करोड़ कोवैक्सीन की ख़ुराक ख़रीदने के मामले में 32.4 करोड़ डॉलर का यह करार किया गया था। लेकिन अब ब्राज़ील ने ये सौदा रद्द करने का फ़ैसला किया है। इस सौदे में अनियमितता की छीटें राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो तक आ चुकी है।
भारत बायोटेक की ओर से जारी बयान में कहा है, "ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्रालय का कोवैक्सीन को ख़रीदना एक विशिष्ट मामला था जिसमें नवंबर 2020 में पहली बैठकें की गई और 29 जून यानी मंगलवार तक बैठकें होती रही हैं। एक-एक क़दम आगे बढ़ाते हुए समझौता किया गया और आठ महीने तक चली लंबी प्रक्रिया के दौरान नियामक ने अनुमति दी।"
"बीते 4 जून को वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंज़ूरी दे दी गई। मगर 29 जून तक भारत बायोटेक को ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्रालय से न ही कोई एडवांस्ड पेमेंट मिली और न ही कंपनी की ओर से कोई वैक्सीन अब तक उन्हें सप्लाई की गई है।
भारत बायोटेक ने अब तक दुनियाभर के कई देशों के साथ किए गए समझौतों के लिए इसी नियामक अनुमति की प्रक्रिया को अपनाया है जहां पर कोवैक्सीन सफलतापूर्वक सप्लाई की गई है।"
वहीं ब्राज़ील के संघीय अभियोजकों ने वैक्सीन ख़रीद के समझौतों की जांच शुरू कर दी हैं, जिसमें फ़रवरी में हुए समझौतों में महंगे दामों पर वैक्सीन ख़रीदने, तत्काल बातचीत करने और नियामक अनुमतियों के न दिए जाने के आरोप हैं।
भारत बायोटेक का इस पर कहना था कि बीते कुछ हफ़्तों से आ रही रिपोर्टें ब्राज़ील और दूसरे देशों के साथ हुए समझौतों को ग़लत तरीक़े से पेश कर रही हैं।