माफिया डॉन मुख्तार पर UP में घमासान,पंजाब से इसलिए निराश लौटी पुलिस?

Update: 2021-01-11 04:30 GMT

लखनऊ। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को यूपी वापस लाने की कोशिशें भले ही कानूनी पेंचीदगियों में फंसी हों पर इस पर सियासी संग्राम भी शुरू हो गया है। सत्तारूढ़ बीजेपी के नेता कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों पर माफिया का साथ देने का आरोप लगा रहे हैं। पंजाब में कांग्रेस की सरकार होने के कारण प्रियंका गांधी को भी कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। यूपी के विभिन्न जिलों में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से कई के कोर्ट में ट्रायल चल रहे हैं। कोर्ट में पेशी के लिए मुख्तार को वापस लाने की कोशिश असफल हो जाने पर मामला सियासी रूप ले लेता है। मुख्तार को कोर्ट में पेश करने की नोटिस लेकर पंजाब के रोपड़ जिले में गई यूपी के गाजीपुर पुलिस को एक बार फिर निराश होकर लौटना पड़ा है।

इस बार भी पंजाब के रोपड़ जिले की जेल के अधिकारियों ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर मुख्तार को भेजने से इनकार कर दिया। राज्य सरकार के प्रवक्ता कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दशकों से माफियाराज से जूझ रहे प्रदेश को माफिया मुक्त बनाकर तरक्की की राह पर आगे ले जाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं। उनके निर्देश पर यूपी पुलिस माफियाओं पर कहर बनकर पर टूट रही है, लेकिन विपक्ष के नेताओं को यह रास नहीं आ रहा है। कोई माफिया मुख्तार अंसारी के बचाव में खड़ा है तो कोई माफिया के घर ढहाए जाने पर उनके समर्थन में बयान दे रहा है।

विपक्ष यह भूल गया है कि इन माफियाओं की वजह से प्रदेश में सैकड़ों मांओं की गोदें सूनी हुई हैं, पूर्व विधायक स्व. कृष्णानंद राय की पत्नी और विधायक अलका राय ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा-'मैं प्रियंका गांधी से निवेदन कर रही हूं कि ऐसा खूंखार अपराधियों को बचाने की कोशिश न की जाए। उनको वहां से भेजा जाए, ताकि न्यायालय में लंबित मुकदमे में न्याय मिल सके। वह भी महिला हैं और मैं भी महिला हूं, मुझे आशा है कि वह हमारी भावनाओं को समझेंगीं।' प्रदेश के पूर्व डीजीपी एके जैन ने भी पंजाब की जेल के अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाया। पंजाब में मुख्तार के पीछे कोई बड़ा राजनीतिक संरक्षण है, जिस कारण उसे बचाया जा रहा है। 

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