महाराष्ट्र राजनीति: अगर महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव होते हैं, तो शिंदे गुट और भाजपा का सूपड़ा साफ है!!

Update: 2022-08-12 14:51 GMT

मुंबई: शिवसेना में दो विभाजन के बाद हाल ही में महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन हुआ है। बागी विधायकों की अध्यक्षता कर रहे एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और देवेंद्र फडणवीस को डिप्टी सीएम बनाया गया। सत्ता परिवर्तन के बाद, भाजपा का लक्ष्य शिंदे समूह की मदद से 2024 में राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले दम पर जीतना है, जो उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को खत्म कर देगा। हालांकि हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक बीजेपी और शिंदे समूह को झटका लग सकता है। यह चौकाने वाली खबर सामने आयी है।


एक सर्वे के मुताबिक अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो बीजेपी और शिंदे समूह को बड़ा झटका लग सकता है. अगर महाविकास अघाड़ी एक साथ चुनाव लड़ते हैं तो इस बात की प्रबल संभावना है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को बड़ा फायदा होगा। सर्वे में चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश की जनता को भाजपा और शिंदे गुट की सरकार पसंद नहीं आई। सर्वे के मुताबिक अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो यूपीए महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें जीतती नजर आ रही है. बीजेपी के एनडीए को 18 सीटें मिल सकती हैं। राकांपा प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि जिस तरह से पार्टी जिस तरह से शिवसेना फोडने का काम भाजपा ने किया है वो पूरा महाराष्ट्र देख रहा है सर्वे भी वही कहेगा ।


यह बीजेपी के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है. 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर लड़ा था. उन्होंने महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 42 पर जीत हासिल की। महाराष्ट्र में हाल ही में सत्ता हस्तांतरण के बाद शिंदे समूह के विधायक और सांसद भाजपा के साथ चले गए हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना के पास सिर्फ 6 सांसद बचे हैं. इसके मुताबिक शिंदे समूह और बीजेपी के सांसदों की मौजूदा संख्या 36 है. हालांकि, अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो यह संख्या घटकर 18 सीटों पर आ जाएगी। बीजेपी की सीटों में सीधे 50 फीसदी की कमी आएगी. इसे बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।


इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि निकट भविष्य में स्थिति काफी हद तक बदल सकती है। अगर सुप्रीम कोर्ट शिंदे समूह के विधायकों को अयोग्य नहीं ठहराता है, तो शिवसेना उद्धव ठाकरे के हाथ से निकल सकती है। ऐसे में लोकसभा चुनाव के समीकरण बदलेंगे। महाराष्ट्र में शिवसेना का अपना एक अलग नजरिया है शिवसेना से अलग होने वाले का हाल महाराष्ट्र का इतिहास पहले कई बार दोहरा चुका है, लेकिन अब सर्वे भी यही कह रहा है कि शिवसेना शिवसेना कहने वाले अपना हश्र खुद देखेगे।

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