24 सप्ताह के भ्रूण का होगा गर्भपात, रेप पीड़िताओं को मिलेगी राहत

Update: 2021-03-16 13:49 GMT

नई दिल्ली। राज्यसभा ने गर्भ के चिकित्सकीय समापन संशोधन विधेयक 2020 को पारित कर दिया है जिसमें गर्भपात की सीमा को 20 सप्ताह से बढ़ाकर 24 सप्ताह करने का प्रावधान किया गया है.स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि इसे व्यापक विचार विमर्श कर तैयार किया गया है. यह विधेयक लंबे समय से प्रतीक्षित है और लोकसभा में यह पिछले साल पारित हो चुका है. उन्होंने कहा कि इस विधेयक को तैयार करने से पहले दुनिया भर के कानूनों का भी अध्ययन किया गया था.

मंत्री के जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया. इससे पहले सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजने सहित अन्य विपक्षी संशोधनों को अस्वीकार कर दिया वहीं सरकार द्वारा लाए गए संशोधनों को स्वीकार कर लिया.काफी लंबे समय से महिलाएं और डॉक्टर इस बात की मांग कर रहे थे कि 24 सप्ताह तक के गर्भ को हटाने की इजाजत दे दी जाये. तर्क यह है कि अगर महिला को गर्भवती होने का अधिकार है, अपने शरीर पर उसका अधिकार है तो गर्भपात करवाना है या नहीं इसका भी हक उसी के पास होना चाहिए. खासकर दुष्कर्म पीड़िता अगर गर्भवती हो जाये तो उसे काफी परेशानी होती है, इसलिए कानून में यह बदलाव किया गया है।

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