महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी में दरार! भिवंडी कांग्रेस के 18 बागी नगरसेवक एनसीपी में
मुंबई। एक तरफ जहां मुंबई में बीएमसी के चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं, वहीं दूसरी ओर. 18 कांग्रेस के नगरसेवक एनसीपी में शामिल हो गए। कांग्रेस ने एनसीपी पर जमकर निशाना साधा है. कांग्रेस के बागी नगरसेवकों ने एनसीपी का हाथ थाम लिया था. एनसीपी के पास भिवंडी-निजामपुर में एक भी नगरसेवक नहीं था. कांग्रेस ने कहा कि महाविकास आघाड़ी की सदस्य पार्टी के विद्रोहियों को शामिल कर एनसीपी ने दुर्भाग्यपूर्ण मिसाल कायम की है।
कांग्रेस प्रवक्ता और पार्टी महासचिव सचिन सावंत ने कहा, महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोरात ने एनसीपी नेतृत्व के प्रति नाराजगी जताई है। कांग्रेस के पार्षद डिप्टी सीएम अजीत पवार, राज्य के एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल और मंत्री जितेंद्र अव्हाड की मौजूदगी में एनसीपी में शामिल हो गए थे। सचिन सावंत ने कहा कि दल बदलने वालों ने मेयर चुनाव के समय कांग्रेस में बगावत की थी। इन बागी नेताओं के चलते 90 सदस्यीय कॉर्पोरेशन में 47 सीटों के साथ भी कांग्रेस अपना मेयर नहीं चुन पाई थी।
'कांग्रेस ने बागियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। पार्टी ने दल बदल कानून के तहत अधिकारियों के सामने इन्हें अयोग्य ठहराने के लिए याचिका दायर की है। 'डिवीजनल कमिश्नर के सामने सुनवाई लंबित है. ये बागी तकनीकी रूप से अभी भी कांग्रेस का हिस्सा हैं. पार्टी मामले को आगे बढ़ा रही है। 'गठबंधन के साथी ने कांग्रेस के आदेश, विचारधारा और नीतियों का अपमान करने वाले बागियों को शामिल कर एक दुर्भाग्यपूर्ण मिसाल कायम की है।
भिवंडी मनपा में है 90 सीटें
भिवंडी मनपा 2017 में हुए चुनाव में 90 सीटों में कॉंग्रेस ने 47 सीट पाकर बहुमत हासिल किया था। भाजपा ने 20, शिवसेने ने 12, कोणार्क आघाडी 4, रिपब्लिकन पक्ष ने 4, समाजवादी पक्ष को 2 व 1 अपक्ष नगरसेवक जीते थे। कॉंग्रेस ने 2017 में शिवसेना की मदद से महापौर पद हासिल किया था। इसके लिए काँग्रेस ने शिवसेना को उपमहापौर पद दिया था।जिसकी वजह से भाजपा व कोणार्क विकास आघाडी सत्ता से दूर हो गई थी। 2019 के महापौर चुनाव में भाजप-कोणार्क विकास आघाडीने काँग्रेस के 18 नगरसेवकों को सत्ता हासिल की थी।