महाराष्ट्र में कभी सबसे ताकतवर पार्टी रही कांग्रेस को क्या नाना पटोले फिर से वह मुकाम दिला पाएंगे?
मुंबई। महाराष्ट्र कांग्रेस की कमान नाना पटोले को सौंपी गई है। माना जा रहा है कि नाना पटोले की अगुवाई वाली टीम राज्य कांग्रेस में ऊर्जा फूंकने का काम करेगी। नाना पटोले को राज्य की कमान दिए जाने की बात काफी पहले से चर्चा में थी पर इस पर निर्णय लेने में वक्त लिया गया.नई टीम के सामने सबसे पहले पुणे व पिंपरी-चिंचवाड़ मनपा के चुनाव हैं. पुणे, खाडकी और देहू कैंटोनमेंट बोर्ड्स के चुनाव भी इसी वर्ष होने हैं. ये चुनाव वैसे तो स्थानीय हैं पर इसमे नए नेतृत्व की परीक्षा भी होगी। वहीं 2022 में बीएमसी चुनाव भी है।
नाना पटोले पर कांग्रेस के दिल्ली हाईकमान ने शायद इसीलिए भरोसा जताया है। 2014 में भाजपा से एनसीपी दिग्गज प्रफुल्ल पटेल को हराने वाले पटोले ने 2017 में कांग्रेस का दामन थाम लिया था. किसानों के मुद्दे पर आवाज बुलंद करने वाले नाना पटोले ने खुलेआम भाजपा की आलोचना की थी. कांग्रेस के टिकट पर वो एक बार फिर 2018 में सकोली सीट से विधायक बने. फिर कांग्रेस की तरफ से उन्हें विधानसभा अध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद मिला. नाना पटोले ने 2019 के लोकसभा चुनाव में नागपुर सीट पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को टक्कर दी थी। नाना पटोले और गडकरी की टक्कर की वजह से इस सीट पर देशभर की निगाहें लगी हुई थीं.
गडकरी चुनाव जीत गए. पर पटोले अपनी सांगठनिक क्षमता के दम पर साढ़े चार लाख वोट पाने में कामयाब रहे थे. पटोले के सामने बड़ी चुनौती है. पार्टी के भीतर गुटबाजी के अलावा सीनियर नेताओं को संभालना बड़ी चुनौती है. कभी राज्य में सबसे ताकतवर रही कांग्रेस को फिर से उसी जगह पहुंचाने के लिए नाना पटोले को बड़े स्तर पर कार्यकर्ता जोड़ने का अभियान भी चलाना होगा. इस वक्त देश में किसानों का मुद्दा छाया हुआ है. ऐसे में किसानों के लिए मुखर एक नेता को पार्टी की कमान देकर कांग्रेस ने आम जनता में संदेश देने की भी कोशिश की है। अब देखना है कि नाना पाटोले के नेतृत्व में कांग्रेस किस मुकाम पर पहुंचती है।