मुंबई। MVA आगामी होने वाले निकाय चुनावों में भाजपा को पटखनी देने के लिए तैयारी कर रहा है. संजय राउत पहले ही कह चुके हैं कि निकाय चुनाव में शिवसेना-एनसीपी साथ लड़ेंगे। वहीं कांग्रेस के मुंबई अध्यक्ष भाई जगताप बार-बार यह एलान कर चुके हैं कि बीएमसी चुनाव कांग्रेस अकेले लडे़गी। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार और भाजपा दोनों के लिए निकाय चुनाव बहुत खास है। इस साल पांच नगर निगमों, नवी मुंबई, कल्याण-डोंबिवली, वसई-विरार, कोल्हापुर और औरंगाबाद में चुनाव होने वाले हैं.
इनमें से तीन शहर मुंबई के दायरे में आते हैं और इसके विस्तारित उपनगरों का हिस्सा हैं. ये चुनाव 27 नगर निगमों में से 18 के लिए सेमीफाइनल और 26 जिला परिषदों में होने वाले चुनाव होंगे, जो मिनी विधानसभा से कम नहीं है। शिवसेना और बीजेपी के लिए बीएमसी चुनाव सबसे खास होगा। हालांकि मुंबई मनपा चुनाव 2022 में है। पर कई निकाय चुनाव 2021 में होने वाले हैं। 2014 में मोदी लहर की वजह से केंद्र और महाराष्ट्र में सत्ता में आने के बाद मोदी लहर में धीरे-धीरे शक्तिशाली क्षेत्रीय नेताओं को अपने पाले में कर लिया.
इसमें तत्कालीन विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल, नारायण राणे, उदयनराजे भोसले, पूर्व मंत्री गणेश नाइक आदि शामिल थे. वहीं एमवीए ने स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से विधान परिषद के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन किया है. सभी राजनीतिक दलों ने इस साल के शुरू में हुए ग्राम पंचायत (ग्राम परिषद) चुनावों में अधिकतम सीटें जीतने के दावे किए हैं। जिस तरह से गुजरात निकाय चुनाव में भाजपा की बंपर जीत और कांग्रेस की हार और आप की एंट्री हुई है। उससे मुंबई-महाराष्ट्र में हलचल बढ़ गई है।