बिहार चुनाव में अब इश्क में जीना, इश्क में मरना.'प्यार किया तो डरना क्या?
'इश्क, मोहब्बत और प्यार' की एंट्री अब बिहार चुनाव में हो गई है 'प्यार किया तो डरना क्या' की तर्ज पर डायलॉग बन रहे हैं. चुनावी शोरगुल के बीच प्रचार में जुटे नेता 'इश्क' की बातें कर रहे हैं. प्लूरल्स पार्टी की अध्यक्ष पुष्पम प्रिया चौधरी ने तो ऐसा ट्वीट कर डाला है कि सोशल मीडिया पर हंगामा ही हो गया है. अपने ट्वीट में पुष्पम प्रिया चौधरी इश्क की बातें करती दिखी हैं. वो 'प्यार किया तो डरना क्या' का जिक्र भी करती हैं. पुष्पम प्रिया चौधरी चुनाव प्रचार में जुटी हैं.सोशल मीडिया अकाउंट पर भी अपनी बातों को रखती रहती हैं.
पुष्पम प्रिया चौधरी ने अपने ट्वीट में लिखा 'इश्क में जीना, इश्क में मरना और हमें अब करना क्या, जब प्यार किया तो डरना क्या. बाहर छुप-छुप कर आहें भरने और घुट-घुट कर मरने से बेहतर है अपने वतन बिहार के लिए जीना और मरना.' पुष्पम प्रिया चौधरी के ट्वीट पर यूजर्स तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं. लंदन रिटर्न पुष्पम प्रिया चौधरी बांकीपुर व बिस्फी से चुनाव लड़ रही हैं. यहां से तो शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव भी चुनाव लड़ रहे हैं। पुष्पम तो खुद को सीएम कैंडिडेट भी घोषित कर चुकी हैं. सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाली पुष्पम प्रिया चौधरी को बड़ी संख्या में यूजर्स फॉलो करते हैं।
मेरा बेटा पैराशूट उम्मीदवार नहीं
इस बार तेजस्वी यादव और चिराग पासवान के साथ कई उम्मीदवारों के समक्ष चुनाव जीतकर अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाने की चुनौती है। लालू प्रसाद के छोटे पुत्र और उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने तेजस्वी प्रसाद यादव राज्य के उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं। वह दोबारा राघोपुर से चुनावी मैदान में उतरे हैं।
कांग्रेस ने भी अपने नेताओं के बच्चों को चुनावी मैदान में उतारा है। अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर बांकीपुर से चुनाव मैदान में हैं, सिन्हा ने कहा कि मेरा बेटा पैराशूट उम्मीदवार नहीं है। वह 'बिहारी पुत्र' के रूप में चुनाव लड़ रहा हैं। 1980 से कहलगांव के आठ बार के विधायक सदानंद सिंह अभी 77 वर्ष के हैं और वे चाहते हैं कि उनका बेटा उनसे यह पदभार संभाले।