UP के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चार साल होने वाले हैं, आज भाजपा शासित कई राज्य हैं, जिसके सीएम योगी राह पर चल रहे हैं। योगी सरकार जबरन होने वाले धर्मांतरण के खिलाफ उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्मांतरण प्रतिषेध अध्यादेश-2020 लेकर आई है. ये 'लव जिहाद कानून' के तौर पर ज्यादा प्रचारित है. योगी के इस कानून की भले ही कुछ लोग आलोचना कर रहे हों, पर भाजपा शासित राज्य इसे अपनाने में जुटे हैं। हरियाणा, मध्य प्रदेश और कर्नाटक जैसे बीजेपी शासित राज्य इस पर काम कर रहे हैं. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने यूपी और अन्य राज्यों में लागू कानूनों का अध्ययन करने के लिए तीन सदस्यीय समिति भी गठित कर दी थी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसकी तैयारी कर रहे हैं। कर्नाटक सरकार भी 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने के लिए उत्तर प्रदेश के अध्यादेश के प्रावधानों का अध्ययन कर रही है. हिमाचल प्रदेश की बीजेपी सरकार भी ऐसा ही धर्मांतरण रोकने का कानून लेकर आई है. योगी आदित्यनाथ ने यूपी की सत्ता पर काबिज होते ही गौहत्या की रोकथाम के लिए सख्त कदम उठाए थे. इस दिशा में योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश गोवध निवारण कानून बनाया, जिसके तहते गौहत्या पर 3 से 10 साल की सजा और गौवंश को शारीरिक तौर पर नुकसान पहुंचाने पर पौने दो साल की सजा का प्रावधान है. यूपी की तर्ज पर कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने भी ऐसा ही कानून बनाया है.
हरियाणा की खट्टर सरकार ने भी गौहत्या के खिलाफ यूपी की तरह सख्त कानून बनाया है। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार नागरिकता कानून के विरोध-प्रदर्शन से सख्ती से निपटी थी. विरोध प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रदर्शनकारियों से वसूली की गई थी. उनके पोस्टर भी चौराहों पर चस्पा किए गए थे. इसके बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे नागरिकता संशोधन कानून विरोधी प्रदर्शनकारियों से सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान का हर्जाना वसूलने की संभावनाओं पर विचार करें। योगी सरकार ने सत्ता में आने के बाद से कई शहरों के नाम बदले हैं, जिनमें इलाहाबाद को बदलकर प्रयागराज और फैजाबाद जिला का नाम अयोध्या किया गया है. आगरा के मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज म्यूजियम रखा गया है।