मिस्ड कॉल पार्टी का नरसंहार - मंजुल भारद्वाज

Update: 2021-04-26 07:23 GMT

मुंबई : देशभर में कोरोना का हाहाकार मचा हुआ है हर कोई अपनों की जान बचाने के लिए बेबस नजर आ रहा है सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. आज के हालात पर लेखक 'मंजुल भारद्वाज' ने बहुत ही ख़ूबसूरत पंक्तिया लिखी है आप भी पढ़िए .


भारत की जनता

डिजिटल इंडिया के

भ्रम में फंस गई

मिस कॉल से

अपनी मौत को बुलाने की

चूक कर गई !


कीचड़ में खिले कमल से

अभिभूत हो गई

भारतीयता को भूल

हिन्दू राष्ट्र के

मृग जाल में फंस गई !


विकार में ऐसी लिपटी

सद्‌बुद्धि गवां बैठी

दुनिया के सबसे बड़े

लोकतंत्र को जला

अपनी चिता पर जा बैठी !

अपनी आस्था के अहं को

देश की अस्मिता बना लिया

सत्य का दामन छोड़

झूठ का कफ़न ओढ़ लिया !


साम्प्रदायिक सौहार्द का ताना बाना

हिन्दू होने के गर्व में

स्वाह कर दिया

संविधान की पंथ निरपेक्षता को

भगवा रंग दिया !

राष्ट्रवाद के अंधड़ में

विकास उड़ गया

अर्थ व्यवस्था

शासन,प्रशासन

सब उजड़ गया !


व्यक्तिवाद का गुरुर

सर चढ़कर बोला

घर घर हर हर

हर हिन्दू बोला

मन्दिर के लिए

चंदे का अंबार लग गया

पूरा देश बीमार हो गया !


आज एक एक सांस के लिए

पूरे देश में गुहार है

श्मशान में जलती चिताओं

कब्रिस्तान के जनाज़ों से मचा हाहाकार नहीं

यह मिस्ड कॉल पार्टी का नरसंहार है !

                                                    'मंजुल भारद्वाज'

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