महाराष्ट्र में नहीं होगी कॉलेज की फाइनल ईयर की परीक्षा

Update: 2020-07-17 23:37 GMT

कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने फैसला किया है कि राज्य में कॉलेजों के फाइनल ईयर एग्जाम नहीं होंगे. ये फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे डिप्टी सीएम अजित पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया.इससे एक बार फिर से केंद्र सरकार के फैसले से अलग जाकर महाराष्ट्र सरकार ने फैसला लिया है. अब महाराष्ट्र में फाइनल ईयर के छात्र इंटरनल एसेसमेट के आधार पर पास किए जाएंगे. बता दें कि इसके पीछे उच्च शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने ये तर्क दिया गया है कि राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत राज्य को ऐसी परिस्थितियों में किसी भी निर्णय को रद्द करने की शक्ति प्राप्त होती है. वहीं बीते सप्ताह यूजीसी की ओर से जारी संशोधि‍त एकेडमिक कैलेंडर में ये कहा गया था कि यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की फाइनल ईयर परीक्षाएं सितंबर में आयोजित की जाएं.बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की परीक्षा आयोजित कराने की सलाह को खारिज कर दिया था. सरकार का कहना है कि प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस तरह का फैसला लेने से छात्रों का स्वास्थ्य संकट में पड़ सकता है.बता दें कि बीती छह जुलाई को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने विश्वविद्यालयों की फाइनल ईयर/सेमेस्टर की परीक्षाओं और शैक्षणिक कैलेंडर को लेकर नई गाइडलाइन जारी की थी. इसके मुताबिक कहा गया था कि इंटरमीडिएट सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर किया जाएगा. वहीं टर्मिनल सेमेस्टर के छात्रों का मूल्यांकन जो जुलाई के महीने में परीक्षाओं के माध्यम से किया जाना था, अब उनकी परीक्षाएं सितंबर -2020 के अंत तक आयोजित की जाएंगी.

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