बारिश और कोरोना के बीच बप्पा का मायानगरी में स्वागत

Update: 2020-08-22 13:18 GMT

मुंबई। कोरोना महामारी और मूसलाधार बारिश के बीच भगवान गणेश का श्रद्धाभाव सहित गर्मजोशी से स्वागत किया। भक्त इस बार भगवान को 'विघ्नहर्ता' के रूप में देख रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि वे उनकी प्रार्थनाओं को सुनेंगे और जल्द कोरोना महामारी खत्म करेंगे। वहीं, इस बार 10-दिवसीय गणपति उत्सव में लालबाग के राजा और अन्य विशाल मूर्तियां, पुणे में दगडू सेठ गणपति और राज्य के अन्य प्रमुख मंडलों में प्रतिबंधों के चलते गणपति की बड़ी मूर्तियां स्थापित नहीं की गईं हैं। इस वर्ष मूर्तियों की ऊंचाई 2 से 4 फीट के बीच ही है।

वहीं विभिन्न सार्वजनिक मंडलों, आवास परिसरों और घरों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के साथ छोटे समूहों में गणपति बप्पा को ले जाया गया। बुद्धि के देवता के रूप में प्रतिष्ठित भगवान गणेश के इस उत्सव को इस बार अधिकांश सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों ने रक्त और प्लाज्मा दान करने शिविरों के साथ 'आरोग्योत्सव' (स्वास्थ्य उत्सव) में बदलने का फैसला किया है। बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति के अध्यक्ष नरेश दहीभाकर ने कहा कि इस साल भीड़ को दूर रखा जाएगा। "इस साल कई चिंताएं हैं .. स्वास्थ्य, स्वच्छता, सोशल डिस्टेंसिंग, लोगों के वेतन में कटौती या नौकरी जाना, कंपनियां भी घाटे में हैं। इसलिए सभी मंडल मितव्ययता बरत रहे हैं।"वरली के सेंट रेजिस फाइव स्टार हॉटेल में गणपती की स्थापना की गई।

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