महाराष्ट्र का सियासी खेल गुजरात से दिल्ली तक पहुंचा, महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए केंद्रीय नेताओं की मीटिग शुरू

महाविकास आघाडी सरकार के तीनों दलों में आत्म चिंतन और सरकार बचाने की कवायद शुरू

Update: 2022-06-21 09:00 GMT

मुंबई: अपने आधे कार्यकाल को पूरा करके महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी उद्धव ठाकरे की सरकार डेंजर जोन में गई है। शिवसेना कद्दावर नेता और शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे 12 दर्जन भर से ज्यादा शिवसेना के और 10 निर्दलीय विधायकों के साथ गुजरात के सूरत के ली मेरिडियन होटल में कल देर रात से ठहरे हुए है। शिवसेना के सभी नेताओं ने शिंदे को फोन किया यहां तक मुख्यमंत्री का भी फोन नहीं उठाया फिर अपना फोन बंद कर दिया। महाराष्ट्र सरकार गिरेगी इसकी राजनीतिक हलचल दिल्ली तेज हो गई है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और महाराष्ट्र पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात तय हुई है। दिल्ली से ग्रीन सिगनल मिलने के बाद एकनाथ ली मेरिडियन होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे उनके साथ होंगे भाजपा गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील। दो दिवसीय कर्नाटक यात्रा पर प्रधानमंत्री को महाराष्ट्र राजनीतिक उठा पटक से करवाया गया आवगत, देवेंद्र फडणवीस दिल्ली पहुंचे

संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र की राजनीति भूकंप नहीं आएगा, हमारे विधायकों को गुमराह किया गया है, हमने कुछ लोगों से से बात की है।कुछ से संपर्क नहीं हो पा रहा है। संजय राउत ने कहा कि सूरत में जो विधायक हैं, उन्हें आने नहीं दिया जा रहा है सबको रोक कर रखा गया है। सभी विधायक शिवसेना के साथ रहे हैं, पार्टी को भनक भी नहीं लगी और पार्टी सबसे कद्दावर नेता ने अपनी नाराजगी इस तरह से जाहिर की इतने विधायकों को लेकर सूरत निकल गए। अब्दुल सत्तार, शाहजी बापू पाटील, महेश शिंदे, भरत गोगावले, महेंद्र दळवी, महेश थोरवे, संजय राठौड़, संदीपान भुमरे, उदय सिंह राजपूत, संजय शिरसाट, रमेश बोरनारे, प्रदीप जायसवाल, अब्दुल सत्तार और तानाजी सावंत और विश्वनाथ भोईर का नाम शामिल हैं।

शिवसेना की वर्षा में सभी नेताओं और विधायकों के साथ बैठक शुरू है, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की भी आत्मचिंतन मीटिंग शुरू है।चैनलों पर सरकार के गिरने की खबर तेजी से चल रही है। लेकिन भाजपा खेमे खुशी की लहर है महाराष्ट्र में दो ही नारे लगते है एक शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे लगाते थे जाग मराठा जाग। दूसरा नारा लगाते है शरद पवार उठ मराठा उठ। राजनीतिक बाजीगर वो नहीं कहलाता है जो पार्टी को फोडकर सरकार बनाए। राजनीति में बहुत आए और गए पितामह महाराष्ट्र के एक ही है शरद पवार!! अभी वो चिंतन में विकल्प को तलाश रहे है, महाराष्ट्र की सरकार को कोई हिला नहीं सकता, बहुत ज्यादा हुआ तो महाराष्ट्र में फिर से चुनाव होगा?

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