क्यों आयी आत्महत्या करने की फिर किसानों पर नौबत! हाथ में फांसी की रस्सी लेकर पहुंचे वन विभाग के कार्यालय
आत्महत्या के लिए हाथ में रस्सी लेकर क्यों अधिकारियों के पास किसान, पुलिस और वन विभाग ने शिकायत पर संज्ञान, ऱकी मुआवजे देने के लिए पंचनामा तैयार करवाने की मांग नहीं तो करेगें भूख हडताल...
बुलढाणा: आत्महत्या करने आए किसानों का वन विभाग के अधिकारियों के सामने आज हाथों मे रस्सी लेकर वन विभाग के दफ्तर के सामने शांति पूर्वक अपनी बात रखी। किसानों ने वन विभाग के अधिकारियों के सामने प्रस्ताव रखा कि किसानों की जंगली जानवरों द्वारा चबा ली गई सोयाबीन की फसल का एक पंचनामा तैयार करके नुकसान का प्रशासन को दी जाए। किसानों ने बैंक और साहूकारों से कर्ज लेकर अपनी फसलों की खेतो में लगाया था जिसके अंकुर निकले ही थे कि जंगली जानवर उनकी पूरी फसल को खा ले गई है जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। इसके लिए पंचनामा तैयार कर उन्हें आर्थिक नुकसान की सरकार से भरपाई करवाए।
किसानों ने पता लगाया रोही एक जंगली जानवर है जो किसानों की सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंचाता है। दो दिन के अंदर फसलों के नुकसान का पंचनामा बनाएं। दो दिन पहले चिखली तालुका के अंचरवाडी और वसंत नगर के किसानों ने वन मंडल अधिकारी को पत्र लिखकर मांग की थी कि रोहियाओं को रोका जाए और उन्हें वन विभाग की चारदीवारी के अंदर रखने की कोशिश की जाए। इन जंगली जानवरों से किसानों की खेती अब तक किए गए सैकड़ों किसानों के खेतों तक जाकर देखा जाए किसका कितना नुकसान हुआ। पंचनामा का आदेश दिया गया है और किसानों ने मांग की है कि जंगल से लगा उनके खेत है जंगली जानवरों द्वारा उनकी फसलों को खाने से रोजाना नुकसान हो रहा है वन विभाग की ओर से तार लगाकर इलाके को कवर किया जाए वो तार के लिए 10 प्रतिशत का भुगतान करने का वादा किया है, खेत से सटे जंगल का बाउंड्री है। साथ ही किसानों ने भविष्य में कोई कार्रवाई नहीं होने पर लोकतांत्रिक तरीके से भूख हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है।
नुकसान भरपाई के लिए वन विभाग के कार्यालय पर हाथ में आत्महत्या की रस्सी लेकर आए किसान सुनील परिहार ने कहा कि हम लोग इस महंगाई के दौर में जैसे तैसे फसलों की पैदावार की जुगाड करके सोयाबीन की खेती को लगाया उसके कुछ ही अंकुर जमीन से निकले थे कि जंगली जानवर रातों रात उसको खा गए इससे हमारा नुकसान हुआ है हमारी मांग है कि सरकार की ओर से पंचनामा तैयार करवाकर इसकी भरपाई करवाने के लिए हमारी मदद की जाए। हम लोगों को अगर सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिलती है तो आत्महत्या के सिवा हमारे पास कोई और चारा नहीं है। वहीं किसान साधन परिहार ने कहा कि सभी किसानों ने आत्महत्या करने के लिए हाथ में रस्सी ली थी हमने पहले निर्णय लिया कि अधिकारियों से मिलते है अपनी राय रखते अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई फिर हम भूख हड़ताल पर बैठेंगे।