पैगंबर विवाद पर पूछे जाने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने क्या कहा?

Update: 2022-06-19 06:01 GMT

नई दिल्ली: पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी नेताओं की विवादित टिप्पणी पर कई देशों द्वारा नाराजगी जताए जाने के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी है। विदेश मंत्री ने कहा कि लोगों की संवेदनशीलता और समझ प्रभावित हुई है, लेकिन इस बात की भी सराहना की कि भारत सरकार का विवादास्पद टिप्पणियों से कोई लेना-देना नहीं है। भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी करने के बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। इस टिप्पणी को लेकर कई देशों ने भारत का विरोध किया।




 

कार्यक्रम में विवादित टिप्पणी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह बीजेपी का स्टैंड नहीं है और पार्टी ने इसे बहुत स्पष्ट कर दिया है और इस पर कार्रवाई की है। एक बार जब पार्टी अपनी स्थिति स्पष्ट कर देगी, हमें उम्मीद है कि लोग समझेंगे। पैगंबर विवाद के बारे में पूछे जाने पर, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "न केवल खाड़ी देश, मैं कहूंगा कि दक्षिण-पूर्व एशिया के कुछ देशों ने भी सराहना की कि यह सरकार का रुख नहीं है।" जयशंकर ने कहा कि एक बार पार्टी ने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी, उन्हें उम्मीद है कि लोग समझेंगे। वे जानते हैं कि ये हमारे विचार नहीं हैं।




 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बिना किसी देश का नाम लिए कहा कि कई लोग हो सकते हैं जो बहती गंगा में हाथ धोने की कोशिश कर रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय संबंध एक बहुत ही प्रतिस्पर्धी खेल है, क्वींसबेरी के नियमों द्वारा नहीं खेला जाता है। ऐसे लोग होंगे जो इस विवाद का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। "हमें इसके बारे में बात करने की ज़रूरत है और हम इसे कर रहे हैं,"। वहीं विपक्ष का इस पर कहना है कि लेकिन देश भर में जो इस बयान को लेकर हो रहा उसमें हम अपने देश में विरोध को शांत नहीं कर पा रहे तो विदेशों का विरोध कैसे शांत कर पाएगी सरकार !

उल्लेखनीय है कि नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल ने कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी की थी। कई मुस्लिम-बहुल देशों ने अपनी नाराजगी व्यक्त की और विवादास्पद टिप्पणी की तीखी आलोचना की। भाजपा ने पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को निलंबित कर दिया है और दिल्ली मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को उनकी विवादास्पद टिप्पणी के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया है।




 

महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने इस विरोध के बारे में लेकर अपने बयान में कहा था कि इस पर देश के प्रधानमंत्री को सोचना चाहिए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुणे और मुंबई के कार्यक्रम में भाग लेने आए थे। देश का हर जगह विरोध प्रदर्शन कर शांति सौहार्द को खराब करने वाला भाजपा प्रवक्ताओं की विवादास्पद टिप्पणी पार्टी से से निलंबन सलूशन नहीं हो सकता देश के सामने इस तरह के पार्टी प्रवक्ताओं के लिए पार्टी प्रमुख या प्रधानमंत्री को सामने आकर सामने अपनी बात रखनी चाहिए। क्यों चुप है भाजपा के वरिष्ठ नेता इसको लेकर विपक्ष का रोजाना हल्ला जारी है।

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