एकनाथ शिंदे यह क्या दिया और अब क्या हो रहा है....

एकनाथ शिंदे के खिलाफ शिवसैनिक हुए आक्रामक, बागी कई मंत्रियों और विधायकों की घर सुरक्षा बढ़ाई गई

Update: 2022-06-21 15:44 GMT

मुंबई: एकनाथ शिंदे की बगावत पर अब राज्य में कई जगहों पर प्रतिक्रिया देखने को मिल रही हैं। एकनाथ शिंदे के बागी बने विधायकों और मंत्रियों के घरों की सुरक्षा बढ़ाई दी गई है। शिवसेना के पीठ में छुरा मारने जैसा कृत्य करने का आरोप शिवसैनिकों ने एकनाथ शिंदे पर लगाया है। जगह जगह एकनाथ और लापता विधायकों मंत्रियों के खिलाफ नारेबाजी की जा रही पनवेल शहर शिवसेना की ओर से आज एकनाथ शिंदे के विद्रोह के विरोध में प्रदर्शन किया गया। वहीं  शिवसेना शाखा पर लगे एकनाथ शिंदे के पोस्टर पर उनका स्केच पेन से पोस्टर पर कट मारा गया। पनवेल शिवसेना की ओर से उनका जोरदार विरोध करके उनको शिवसेना गद्दार नेता घोषित किया। कल तक जो एकनाथ शिंदे को साहब कह रहे थे आज वहीं उनको गद्दार और उनके पोस्टर पर स्केचपेन चल रहे है। शिरीष घरत शिवसेना,जिला प्रमुख पनवेल के मार्गदर्शन में यह विरोध प्रदर्शन निकाला गया। 



 



महाराष्ट्र में सियासत का घमासान,सारे दाव पेच खेले जा रहे जा रहे सत्ता पर विपक्ष के बीच सरकार बचाने और गिराने के

शिवसेना के बाकी विधायक मंत्री अब्दुल सत्तार और एकनाथ शिंदे के साथ गए है जिनको ईडी और इनकम टैक्स विभाग से खतरा था। संपत्ति अगर देखी जाए तो एकनाथ शिंदे और अब्दुल सत्तार पास भी बहुत है। लेकिन उनके ऊपर कोई आरोप नहीं लगा। शिवसेना के कई विधायकों और मंत्रियों ने ईडी का खौप देखा है दो मंत्री ईडी की जांच के बाद कई महीनों से जेल में बंद है। अनिल परब पर ईडी की तलवार लटकी है कुछ भी हो सकता आपरेशन लोटस ही इसे कहा जा रहा है। 



 



बुलढाणा जिले के शिवसेना के दोनों विधायक आज सुबह से ही शहर से पहुंच से बाहर हैं, सोशल मीडिया पर अफवाह फैल रही थीं कि बुलढाणा से शिवसेना सांसद प्रतापराव जाधव ने दोनों विधायकों को एकनाथ शिंदे के पास भेजा है। सांसद प्रतापराव जाधव ने इस संबंध में पत्रकारों से कहा कि यह उनके खिलाफ सियासी साजिश है। लेकिन कहा जाता है कि दोनों विधायक अपने विधानसभा के बाहर एक बार सांसद को पूछे बिना पैर नहीं रखते फिर उनका पैर कैसे फिसल गया। उनके लोकसभा के विधायक गायब हो गए और उन्हें नहीं मालूम हालांकि अपनी सफाई में प्रतापराव जाधव, सांसद शिवसेना, बुलढाणा ने सफाई रखी है। 






राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी तेज हो गई सरकार गिरने को लेकर कांग्रेस एनसीपी शिवसेना का दूसरा दौर मिटग का शुरू है। शरद पवार के भी देर रात मुंबई पहुंचने का अंदेशा है। रात में उद्धव ठाकरे और उनकी मुलाकात होनी तय है। जगह जगह से गायब विधायकों को जिला प्रमुखों और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से पूछताछ शुरू है। शिवसेना से भागे इन विधायकों और मंत्रियों को भाजपा के सिवाय कोई और अपनी पार्टी में नहीं लेगा। यह भी तय हो गया है। एकनाथ शिंदे भले ही शिवसेना के पास अपने कई प्रस्ताव भेजे हो लेकिन लेकिन मोदी महिमा मंडल के सामने झुकने को एनसीपी शिवसेना और कांग्रेस कतई तैयार नहीं है। ऐसी परिस्थितियों में सरकार गिरती है तो मध्यावधि चुनाव की घोषणा की मांग होगी!!

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