राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के विवादित बयान पर शिवसेना नेता मुंबई की पूर्व मेयर किशोरी पेडणेकर ने भी की आलोचना

Update: 2022-07-30 08:36 GMT

पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर ने क्या कहा आप भी सुनें....

मुंबई:  महाराष्ट्र का अपमान करने की हरकत बार बार राज्यपाल दोहरा रहे है दोहराएं जा रहे है। इस बार तो उन्होंने महाराष्ट्र के गौरव का अपमान किया है इसके पहले भी महापुरुषों का अपमान कर चुके है। राज्यपाल ने राज्यपाल जैसा कोई काम नहीं किया है, किया इस तरह का बयान देकर, उनके बयान पर शिंदे गुट और भाजपा के कुछ नेताओं के द्वारा पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है। उनके किसी बयान को तोड़ मरोड़ को बी पेश नहीं किया गया है। वीडियो में जो कहा है वहीं सोशल मीडिया और सब जगह वायरल हो रहा है। मुंबई के पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर ने इसके लिए महाराष्ट्र के लोगों से राज्यपाल को माफी मांगने को कहा है।



पूर्व महापौर ने कहा कि विवादास्पद राज्यपाल नकारात्मक प्रचार से पूरे राज्य में मशहूर हो गए हैं। आप राज्यपाल हैं राज्य का सर्वोच्च पद पर आप विराजमान है आपका सम्मान है, महाराष्ट्र का बार बार अपमान करने की हरकत को आपने बार बार दोहराया है क्या आप ऐसा करने की हिम्मत नहीं कर रहे है? उन्होंने कहा कि राज्यपाल को को सब कुछ पता है वो महाराष्ट्र के इतिहास को जानते हुए भी भी इस तरह की टिप्पणी करके उपहास कर रहे है। हम इसको लेकर राज्यपाल का निषेध करते है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से शिंदे गुट के नवनियुक्त प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि राज्यपाल को जो स्क्रिप्ट दी गई भाषण के लिए उसका एक पन्ना उड गया और राज्यपाल के मुंह से यह शब्द निकल कर उड़ गया। उन्होंने कहा कि शिंदे गट महाराष्ट्र के राज्यपाल का इस पर विरोध नहीं कर सकता क्योंकि उनका गला राज्यपाल ने दबाकर रखा है। 



पूर्व महापौर किशोरी पेडणेकर ने कहा कि राज्यपाल को हटाने की हम मांग नहीं करते लेकिन राज्यपाल को जिन्होंने यह पर लाकर बिठाया है उनसे यही कहना चाहते है कि देखे राज्यपाल हमेशा किस तरह के वक्तव्य करके महाराष्ट्र का अपमान कर रहे है किस तरह से प्रदेश और राज्य भाषा और जाति की अलग नजरिया करके देखते है जबकि हम ऐसा मानते है कि महाराष्ट्र में रहने वाले हर लोग महाराष्ट्र के के मुंबईकर, ठाणेकर है, लेकिन राज्यपाल ने गुजरातियों और राजस्थानियों को लेकर जो बयान दिया कि उसके बिना पैसा ही नहीं आएगा आर्थिक राजधानी का अस्तित्व खत्म हो जाएगा। यह राज्यपाल के पद पर बैठे व्यक्ति के मुंह से निकला बयान अच्छा नहीं लगता है।


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