मुंबई: भूपिंदर सिंह को दिल ढूंढता है, नाम गुम जाएगा, एक अकेला इस शहर में, बेटी ना बितायी रैना, हुजूर इस कदर भी ना इतरा के चले, किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है, बादलों से काट काट के जैसे गानों के लिए जाना जाता है। मशहूर गायक भूपिंदर सिंह का निधन,लंबे समय से बीमार चल रहे थे,मुंबई में 82 साल की उम्र में ली आखिरी सांस। पिछले 9 दिन से हॉस्पिटल में एडमिट थे,और आज देर शाम हार्ट अटैक आने से निधन हो गया। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रसिद्ध गायक और गजल भूपिंदर सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उनके द्वारा गाए गए कुछ गीत और ग़ज़लें अविस्मरणीय हैं और मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि भूपिंदर सिंह की यात्रा नवोदित गायकों के लिए मार्गदर्शक होगी।
मिताली भूपिंदर सिंह का बयान
भूपेंद्र सिंह जी आज शाम 7.45 बजे अपने स्वर्गीय निवास के लिए रवाना हुए, वे पिछले 6 महीने से अस्वस्थ थे। अंतिम संस्कार दोपहर 12.30 बजे ओशिवारा श्मशान में होगा
प्रसिद्ध गायक भूपिंदर सिंह का सोमवार शाम 7:45 बजे मुंबई के अंधेरी के क्रिटी केयर अस्पताल में निधन हो गया वह 82 वर्ष के थे। भूपिंदर की पत्नी मिताली ने पत्रकारों को बताया कि "उनका सोमवार को निधन हो गया और अंतिम संस्कार ज्यादातर मंगलवार को होगा, उन्हें पेट की बीमारी थी काफी समय से वो इससे संघर्ष कर रहे थे।'' क्रिटी केयर एशिया अस्पताल के निदेशक डॉ. दीपक नामजोशी ने कहा, "भूपिंदर जी को दस दिन पहले हमारे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसे इंफेक्शन हो गया था। हमें पक्का संदेह था कि उन्हें पेट की बीमारी थी और हम जांच कर रहे थे इसी दौरान उन्हें कोविड-19 कोरोना संक्रमित हो गये। सोमवार सुबह उनकी हालत बिगड़ गई और हमें उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। आज उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ा और शाम 7:45 बजे उनका निधन हो गया।''
भूपिंदर सिंह को दिल ढूंढता है, नाम गुम जाएगा, एक अकेला इस शहर में, बेटी ना बितायी रैना, हुजूर इस कदर भी ना इतरा के चले, किसी नजर को तेरा इंतजार आज भी है, बादलों से काट काट के जैसे गानों के लिए जाना जाता है।अमृतसर में जन्मे भूपिंदर ने अपने करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो से की और दिल्ली दूरदर्शन केंद्र से भी जुड़े रहे। 1962 में, संगीतकार मदन मोहन ने उन्हें एक पार्टी में गिटार बजाते हुए सुना और उन्हें मुंबई बुलाया। मदन ने उन्हें फिल्म हकीकत में "होके मजबूर" गाने की पेशकश की, जिसे उन्होंने मोहम्मद रफी, तलत महमूद और मन्ना डे के साथ गाया। खय्याम ने फिर उन्हें आखिरी खत फिल्म का एकल गाना "रुत जवान जवान" दिया। उनकी भारी बास आवाज ने उन्हें एक धार दी और वे धीरे-धीरे सफलता की सीढ़ी चढ़ने लगे। भूपिंदर ने कई स्वतंत्र संगीत एल्बम भी जारी किए हैं। भूपिंदर सिंह के परिवार में पत्नी मिताली और बेटा निहाल सिंह हैं, निधन के बाद सभी लोग ने शोक प्रकट किया है।
गायक अनूप जलोटा का भूपिंदर सिंह के निधन पर शोक प्रकट किया