पतंजलि के मालिक व योग गुरू बाबा राम देव कि मुश्किले कम होने का नाम नहीं ले रहीं, उनके खिलाफ सुप्रिम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कार्यवाई करने कि गुहार लगाई गई थी। दरअसल कोरोना काल में बाबा राम देव व पतंजलि आयुर्वेद के प्रबंध निदेशक आचार्य बालकृष्ण के बडे-बडे दावे करने वाले विज्ञापन चलाए गए थे। जिसके खिलाफ सुप्रीम में दो याचिका दाखिल कि गई थी,जिसकी आज एक बार फिर सुनवाई हुई सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानतुल्लाह की बैंच ने सुनवाई कि जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने बाबा राम देव से कहां कि आप ने जानबुझकर कोर्ट केर आदेश का उल्लंगन किया, कार्यवाई के लिए तैयार रहें।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पतंजलि समुह को एक बडे झटके के तौर पर देखा जा रहा। कंपनी की विश्वसनीयता को लेकर मार्केट में सवाल खडे होने लग लए है।
वहीं, इससे पहले 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के इसी बेंच ने सुनवाई के दौरान पंतजलि की तरफ से माफीनामा दिया गया था। उस दिन भी बेंच ने पतंजलि को फटकार लगाते हुए कहा था कि ये माफीनामा सिर्फ खानापूर्ति के लिए है। आपके अंदर माफी का भाव नहीं दिख रहा। इसके बाद कोर्ट ने 10 अप्रैल को सुनवाई की तारीख तय की थी।
आप को बता दें कि, सुनवाई से ठीक एक दिन पहले 9 अप्रैल को बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के मैनेजिंग डायरेक्टर आचार्य बालकृष्ण ने नया एफिडेविट फाइल किया। जिसमें पतंजलि ने बिना शर्त माफी मांगते हुए कहा कि इस गलती पर उन्हें खेद है और ऐसा दोबारा नहीं होगा।