शिवसेना का चुनाव चिन्ह किसका चुनाव आयोग करेगा फैसला, सुप्रीम कोर्ट से उद्धव ठाकरे को झटका
स्पेशल डेस्क, मैक्स महाराष्ट्र, मुंबई: एकनाथ शिंदे, जिन्होंने जून में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत की और अपना अलग गुट बनाया, और ठाकरे अब असली शिवसेना कौन है, इस पर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। बीजेपी के समर्थन से मुख्यमंत्री के तौर पर सत्ता में आए शिंदे गुट को मंगलवार बड़ी कामयाबी मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना के चुनाव चिन्ह को लेकर भारत के चुनाव आयोग के समक्ष चल रही सुनवाई पर लगी रोक हटा दी है। इतना ही नहीं, बल्कि उद्धव ठाकरे ने इस कार्रवाई को जारी रखने का फैसला करते हुए समूह के आवेदन को खारिज कर दिया है। अब पार्टी पर किसका प्रभुत्व होगा इसका फैसला चुनाव आयोग करेगा।
राज्यपाल के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
महाराष्ट्र में करीब 50 विधायकों का समर्थन हासिल कर चुका शिंदे धड़ा खुद को 'असली शिवसेना' बता रहा था. जिसके बाद, ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जहां राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सीएम शिंदे को सरकार में शामिल करने के फैसले को चुनौती दी गई। इसके साथ ही ठाकरे खेमे ने शिंदे का समर्थन करने वाले विधायकों को अयोग्य ठहराने की भी मांग की।
चुनाव चिन्ह को लेकर छिड़ी राजनीतिक जंग
शिंदे खेमे की ओर से असली शिवसेना की मान्यता के लिए एक आवेदन दिया गया था। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर अर्जी पर फैसला नहीं लेने का आदेश दिया। साथ ही कोर्ट ने मामले को 25 अगस्त को सुनवाई के लिए संविधान पीठ के पास भेज दिया था। लेकिन अब फिर से सुप्रीम कोर्ट ने मामले को चुनाव के पास भेज दिया है, जिस पर उसका फैसला लेने की स्वतंत्रता है।
मुंबई में भी फोड़े गए पटाखे
शिंदे समूह से राहत मिलने के बाद शिंदे समूह की प्रवक्ता किरण पावस्कर की अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हमको पहले से भरोसा था कि फैसला हमारे पक्ष में आएगा। शिंदे समूह को राहत मिलने के बाद किरण पावस्कर ने अपने कार्यकर्ताओं के पटाखे फोड़े और नारेबाजी की।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करने के लिए सिल्लोड में फोड़े गए पटाखे बाटे गए पेड़े
औरंगाबाद: सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे की स्टे याचिका खारिज कर दी है और शिंदे गुट को बड़ी राहत मिली है. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सिल्लोड में शिंदे समूह के मंत्री अब्दुल सत्तार के संपर्क कार्यालय के सामने पटाखा और पेड़ा खिलाकर स्वागत किया गया, इस मौके पर बड़ी संख्या में शिंदे समूह के पदाधिकारी मौजूद रहे।
सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आंखें खोलने वाला है - श्रीकांत शिंदे
चुनाव आयोग ने समय दिया, चुनाव आयोग की जो भी प्रक्रिया है वह स्वतंत्र है। आज का फैसला आंखें खोलने वाला है, किन चीजों के लिए हमें कोर्ट जाना चाहिए, पहले यह समझना चाहिए। जब भी कोई विरोधी कोर्ट जाए तो सोच-समझकर कोर्ट जाना चाहिए। सांसद श्रीकांत शिंदे ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हमें न्याय की उम्मीद थी सुप्रीम कोर्ट ने हमें न्याय दिया। अब आगे कि लडाई हम चुनाव आयोग में लड़ेंगे
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के बाद आदित्य ठाकरे का रिएक्शन
हम न्याय में विश्वास करते हैं, मामला सर्वोच्च न्यायालय से चुनाव आयोग के पास गया है हम पूरी तरह से तैयार है, वहां पर भी सुनवाई के दौरान हमारे पास बहुत साक्ष्य है। हमें भरोसा है जीत हमेशा सत्य की होती है शिवसेना पर जब जब लगा है कि संकट आए है वो पल में गायब हो गए है। जो भी कानूनी लड़ाई हो रही वो देश के सामने है जनता के सामने हमे न्याय देवता पर विश्वास वो मजबूत है कि जीत सत्य की ही होगी। यह सिर्फ शिवसेना के लिए नहीं देश के लिए और राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण है। जैसे विजयादशमी पर सत्य की विजय हुई उसी तरह हम सत्य के मार्ग पर विजय हमारी होगी।