दंतेवाड़ा. नक्सलवाद की जिंदगी को उसकी बहन लिंगे ने खत्म कर दिया। 12 साल नक्सलवाद की दुनिया में भाई ने कदम रख लिया था। जब वह राखी बंधवाने के लिए घर लौटा तो बहन लिंगे ने कहा कि राखी तब बांधूंगी, जब सरेंडर करोगे।
काफी सोचने के बाद मल्ला ने सरेंडर कर दिया और लिंगे ने अपने भाई को थाने में ही राखी बांधी, आरती उतारी, मिठाई खिलाई और लंबी उम्र की कामना की। मल्ला कई बड़ी वारदातों में शामिल रहा है। पुलिस ने उस पर 8 लाख का इनाम रखा था। वह लंबे समय से छिपता फिर रहा था। बहन को उसके एनकाउंटर का डर सताता रहता था।
वह चाहती थी कि उसके भाई और परिवार को इस दहशत से निजात मिले। 5 लाख की इनामी नक्सली दशमी ने करीब 20 दिन पहले जगदलपुर में सरेंडर किया था। उसने भी अपने भाई लक्ष्मण से अपील की है कि वह भी सरेंडर कर दे।