मुंबई महानगर पालिका की पवई सरोवर झील भरकर बहने लगी, देखें मैक्स महाराष्ट्र पर पहला झील का वीडियो

Update: 2022-07-05 14:00 GMT

मुंबई: इस कृत्रिम झील को 1890 में 40 लाख रुपये की लागत से बनाया गया था। चूंकि इस झील का पानी पीने योग्य नहीं है, इसलिए इसका उपयोग मुख्य रूप से औद्योगिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। बीएमसी क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण कृत्रिम झीलों में से एक पवई झील आज (05.07.2022) शाम करीब 6:15 बजे भरकर बहने लगी है। 545 करोड़ लीटर की भंडारण क्षमता वाली इस झील का पानी मुख्य रूप से औद्योगिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है क्योंकि यह मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है। मुंबई के आरे कॉलोनी तबेला मालिको के लिए यहां झील का पानी उपयोग में लाया जाता है। बीएमसी के जल अभियंता विभाग ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से झील के जलग्रहण क्षेत्र में हुई बारिश के कारण झील में उफान शुरू हो गया है।


 


पवई झील के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी इस प्रकार है:

यह झील बीएमसी मुख्यालय से लगभग 27 किलोमीटर (करीब 17 मील) दूर है।

काम इस कृत्रिम झील का निर्माण वर्ष 1890 में पूरा हुआ था।

लागत इस झील के निर्माण में उस समय लगभग 40 लाख रुपये की लागत आई थी।

औसतन जब झील भर जाती है तो उसमें 545.5 करोड़ लीटर पानी होता है।

झील भर जाने पर बहने के बाद इस झील का पानी मीठी नदी में चला जाता है।

इस झील का जलग्रहण क्षेत्र लगभग 6.61 किमी है और यदि झील भरी हुई है,

तो झील का जल क्षेत्र लगभग 2.23 वर्ग किमी तक हो जाता है।


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